Delhi News: नारी शक्ति वंदन अधिनियम यानी महिला आरक्षण बिल लोकसभा में सर्वसम्मति से पास हो गया है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं. जिस दिन यह बिल पास हुआ उस दिन भारत की महिलाओं के लिए एक गौरव का वक्त था. खासतौर से वह महिलाएं जो राजनीति में अपना भविष्य बनाना चाहती है. यह बिल उन्हीं के लिए है.


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नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत देश में लोकसभा के चुनाव या विधानसभा के चुनाव में महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित हो जाएगी. यह अब कानून बन गया है, लेकिन इसको इंप्लीमेंट करने के लिए डीलिमिटेशन करना अभी बाकी है. इसीलिए दिल्ली में एक साथ कई महिला संस्थान आए और एक कांफ्रेंस के माध्यम से यह आह्वान किया कि आने वाले 2024 के चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां डीलिमिटेशन का इंतजार ना करें. क्योंकि 33% महिला आरक्षण कानून बन गया है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को टिकट दें. 


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इसके साथ एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से महिला संस्थाओं ने यह आह्वान किया की अब देश में जितनी भी इससे जुड़ी हुई महिला संस्थान हैं वह पूरे भारत में महिलाओं को राजनीति में उतरने के लिए जागरूक करेंगी. इसके लिए तमाम महिला संस्थानों द्वारा राज्य के दूर दराज इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक एक टीम बनाकर काम करेगी.


आजाद भारत से पहले लोकसभा में महिलाओं की संख्या लगभग 4% थी वर्तमान समय में यह संख्या बढ़कर लगभग 14% हो गई है. अब जैसा की 33 % का कानून बन गया है. लिहाजा साफ है कि भारत की राजनीति में महिलाएं अब और भी ज्यादा बढ़-चढ़कर और सक्रिय दिखेंगी. कॉन्फ्रेंस में मौजूद महिला संस्थाओं ने माना कि यह एक विकसित भारत की नीव में महिलाओं का यह योगदान बेहद अहम होगा.


Input: Mukesh Singh