भिवानीः अब तक सुना होगा कि शादी में दूल्हे ने दहेज के रूप में गाड़ी मांगी तो कोई दहेज के लोभ में बहु को जिंदा जला देते है, लेकिन भिवानी के हाउसिंग बोर्ड में गत दिवस हुई शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. लड़के वालों ने शादी में केवल एक शर्त रखी थी कि वे बिना दहेज के ही शादी करेंगे. उन्होंने दहेज में मात्र 1 रुपया व एक नारियल ही लिया. यहां तक कि शादी में आने वाले मेहमानों से भी शगन के तौर पर मात्र 10 रुपये ही लिया. शादी में आई बहू भी अपने ससुराल वालों की इस पहल को काफी सराहा रही है.


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दुल्हे के पिता राजकरण हरियाणा पुलिस में कार्यरत है और उनका बेटा कृषि विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर डॉ. के पद पर कार्यरत है. शादी की उम्र हुई तो लड़की की तलाश की. तलाश झज्जर जिले के मरौन गांव के राजेंद्र की बेटी काजल पर जाकर रुकी. काजल एमकॉम पढ़ी है और फिलहाल पीएचडी की तैयारी कर रही है. हार्दिक कृषि विभाग में कार्यरत है तो उसकी बहन MBBS कर रही है. लड़की की तलाश पूरी हुई तो हार्दिक की बहन महक व उसकी मां सुनीता ने दूसरों के आगे मिशाल कायम की और अपने भाई व पिता को कहा कि वे शादी में कोई दहेज ना ले ताकि कोई अपनी बेटी को बोझ न समझे.


राजकरण व उसके बेटे हार्दिक को ये सुझाव काफी अच्छा लगा. उन्होंने अपने रिश्तेदारों को कहा कि वे शादी में कोई दान दहेज नहीं लेंगे. इस निर्णय के बाद उन्होंने धूम-धाम से शादी की, लेकिन बिना दहेज के ही ये शादी की. शादी में लोगों का अच्छे से अभिवादन भी किया गया. शादी में यह परिवार चर्चित हो गया. अब पूरे शहर के लोग इस फैसले की सराहना कर रहे है. हर जगह परिवार की तारीफ हो रही है. हार्दिक का कहना है कि शादी बिना दहेज के ही करनी चाहिए, जिसने बेटी दे दी उसने सब कुछ दे दिया.



उनका कहना है कि उनके पिता व बहन के विचारों से प्रभावित हो कर उन्होंने बिना दहेज के शादी की है. उनका कहना है कि उनकी बहन की शादी नहीं वे लोग बिना दहेज के ही करेंगें. वहीं हार्दिक की पत्नी काजल भी ससुराल वालों से काफी प्रभावित है. उन्होंने बताया कि उनके ससुराल वालों के इस फैसले के बाद वे काफी खुश है. इस तरह से सभी की सोच होने लगे तो बेटियां किसी पर भी बोझ नहीं होगी. हर मां-बाप अपनी बेटी को लेकर सोच में होता है. उनके मन में भय होता है.


उन्होंने आगे कहा कि कही दहेज के लोभ में उनकी बेटी को कुछ कह न दे. जब बिना दहेज के शादी होगी तो उनको भी सकून मिलेगा और तो ओर कोई भ्रूण हत्या भी नहीं करवाएगा. वहीं दोनों परिवारों के रिश्तेदारों ने भी कहा कि बेटियां बोझ नहीं होती. जब बेटीयों को कोई बोझ नहीं समझेगा तो उसकी खूब पढ़ाई भी करवाएंगे. वहीं आस-पड़ोस के लोग भी इस कि काफी चर्चा कर रहे है. लोगों का कहना है कि इस तरह से सभी करेंगे तो बेटीयों का सम्मान बढेगा.


(इनपुटः नवीन शर्मा)