नई दिल्ली : आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया कि BJP की केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. पत्र में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राकांपा के शरद पवार, उद्धव ठाकरे, BRS प्रमुख केसीआर, भगवंत मान, राजद के तेजस्वी यादव, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और JKNC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर किए. 


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इस पत्र के लिखे जाने के बाद बीजेपी नेता पार्टी के बचाव में उठ खड़े हुए हैं. साउथ दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियां निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं. विपक्षी दलों की एकजुटता पर उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव के लिए बीजेपी के सामने कोई चुनौती नहीं है. वही बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मनीष सिसोदिया की तुलना कसाब से कर डाली. उन्होंने ट्वीट किया- मनीष सिसोदिया को बचाने के लिए विपक्ष के कई नेताओं ने लेटर लिखा है. ऐसा ही एक लेटर कसाब को बचाने के लिए भी लिखा गया था. जब ऐसे लेटर आने लगे तो मतलब अपराध पक्का है. अब बचाने की हड़बड़ाहट है. 



बोले- सिसोदिया की गिरफ्तारी से देश में है नाराजगी 
विपक्षी दलों ने जो पत्र पीएम को लिखा है, उसके मुताबिक सिसोदिया के खिलाफ आरोप स्पष्ट रूप से निराधार हैं और इसमें एक राजनीतिक साजिश की बू आती है. मनीष सिसोदिया को दिल्ली की स्कूली शिक्षा को बदलने के लिए विश्व स्तर पर पहचाना जाता है, उनकी गिरफ्तारी ने देशभर के लोगों को नाराज कर दिया है. विपक्षी दलों ने केंद्रीय एजेंसियों की खराब होती छवि पर गहरी चिंता व्यक्त की. साथ ही गवर्नर कार्यालय पर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों के कार्य में दखल देने का आरोप लगाया. 


सिसोदिया की गिरफ्तारी शुभ संकेत नहीं 
पत्र में हेमंत विश्व शर्मा पर निशाना साधते हुए लिखा कि भाजपा में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच की गति धीमी कर दी जाती है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. विपक्षी दलों का कहना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी एक लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है.