Ambala News: अंबाला से भाजपा सांसद का चंडीगढ़ PGI में निधन हो गया है. बीमारी के चलते बीते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. उनका अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे श्मशान घाट मनीमाजरा में किया जाएगा.
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Ambala News: हरियाणा के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अंबाला से 3 बार के सांसद रतन लाल कटारिया का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है. लंबे समय से चली आ रही बीमारी के इलाज के लिए चंडीगढ़ PGI में भर्ती थे. यहां उन्होंने आज सुबह अंतिम सांस ली. सांसद कटारिया पीएम मोदी के करीबियों में से एक थे. उनके निधन से पूरे हरियाणा में शोक की लहर छाई हुई है. उनकी अंतिम यात्रा सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर सेक्टर-4 MDC से निकलेगी. सांसद का अंतिम संस्कार दोपहर 12 बजे श्मशान घाट मनीमाजरा में किया जाएगा.
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बता दें कि सांसद रतन लाल कटारिया जब पहली बार मीटिंग में जा रहे थे तो उनके पास पैसे नहीं थे. वहीं उनके पिता ने दो जोड़ी जूते दिए कि इन्हें बेचकर जो पैसे आएं उनसे मीटिंग में चले जाना. इसके बाद रतन लाल कटारिया का 1980 से राजनीतिक करियर शुरू हुआ था. इस साल उन्हें भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद वह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तक का सफर तय किया. इसके बाद उन्हें जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. 1987-90 में प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन बने. इसके बाद जून 1997 से जून 1999 तक वह हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन रहे.
वहीं वो 6 अक्टूबर 1999 को रतन लाल कटारिया अंबाला से सांसद चुने गए. इसके बाद वो 2014 में दोबारा अंबाला से सांसद चुने गए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज कर कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा का हराया था. कटारिया राजनीतिक तजुर्बेकार और बेदाग छवि के नेता के रुप में जाने जाते थे.
बता दें कि रतनलाल कटारिया का जन्म 19 दिसंबर 1951 को यमुनानगर जिले के संधाली गांव में हुआ था. उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी. कटारिया को राष्ट्र गीत गाने, कविताएं, शायरी लिखने और अच्छी पुस्तके पढ़ने का शौक था. उनकी पत्नी की नाम बंतो कटारिया है. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं. 13 वर्ष की आयु में बाल कलाकार के रूप में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी से सम्मानित हुए थे.