Yamuna पर 6800 करोड़ कहां हुए खर्च, वीरेंद्र सचदेवा बोले- दिल्ली सरकार जारी करे श्वेत पत्र
Delhi News: अब केजरीवाल जल बोर्ड संभालेंगी इसपर बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केदरीवाल सरकान ने कई घोटाले किए, लेकिन 6800 करोड़ यमुना पर कहां खर्च हुआ इसपर श्वेत पत्र सरकार जारी करें.
नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आज जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री पर जमकर हमला बोला. उन्होंने पूछा कि 8 साल से जब दिल्ली जल बोर्ड लूटा जा रहा था तो आंखें क्यों मूंदी हुई थीं. साथ ही कहा कि जिसको इतना लूट लिया हो उसको और क्या लूटेंगी. दिल्ली सरकार ने जल बोर्ड का दिवालिया बना दिया गया है. साथ ही यमुना की गंदगी को लेकर कहा कि 6800 करोड़ यमुना की सफाई पर खर्च हुए हैं, लेकिन यमुना जो मां की तरह है केजरीवाल ने उसे गंदा नाला बना दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि जल बोर्ड में पैसे की अनियमितता हुई है. इस मामले में बीजेपी सीबीआई जांच की मांग करती है.
दिल्ली जल बोर्ड के घोटाला पर कहा कि RTI की रिपोर्ट है कि 2021 तक दिल्ली सरकार के जल बोर्ड पर 57,895 करोड़ लोन था. 31 मार्च 2022 तक ये 71,520 करोड़ यानी करीब 14 हज़ार करोड़ बढ़ गया. ये घोटाला नहीं तो और क्या है. साथ ही कहा कि घर-घर नल से पानी का वादा. 71 हज़ार करोड़ का लोन है, 2015 में जल बोर्ड फायदे में था. कहां गया वो पैसा.
पानी की समस्या गिनवाते हुए उन्होंने कहा कि तुगलकाबाद की एक कॉलोनी है. वहां सड़क पर दर्जनों प्लास्टिक के ड्रम हैं. वहां हफ्ते में एक बार पानी का टैंकर आता है. पानी के लिए माताएं-बहनें धक्के खाती हैं. इसी केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि हर घर में नल से पानी देंगे. पटपड़गंज में आधे घंटे के लिए पानी आता है.
साथ ही उन्होंने कहा कि आबकारी नीति, डीटीसी बस, स्कूलों के कमरों का घोटाला समझ में आता है, लेकिन जल बोर्ड का घोटाला सबसे बड़ा है. 6,800 करोड़ यमुना पर कहां खर्च हुआ इसपर श्वेत पत्र सरकार जारी करें. उन्होंने कहा कि डीपीसीसी की रिपोर्ट है कि 34 किलोमीटर दिल्ली में यमुना है. 75% प्रदूषण 34 किलोमीटर से पैदा होता है. इसके लिए 6 अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट, 22 सीवेज प्लांट क्यों नहीं लगे.
बीजेपी अध्यक्ष ने ये भी कहा कि एलजी ने नजफगढ ड्रेन का एक हिस्सा साफ करने का बीड़ा उठाया है. इस वजह से नजफगढ़ के उस एरिया की जमीन के रेट में उछाल आया है. एलजी जब साफ करा सकते हैं तो फ्रॉड मुख्यमंत्री क्यों नहीं कर पा रहे.
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अब केजरीवाल जल बोर्ड संभालेंगे तो इसका मतलब साफ है कि पैसा कैसे खाया जाए. साथ ही आने वाले समय में और काले कारनामे देखने के लिए मिलेंगे. भ्रष्टाचारी सरकार की नजर में आने के लिए 5 जून पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले यानी 4 जून को वजीराबाद से ओखला तक मानव श्रंखला बनाई जाएगी.