विपिन शर्मा/ कैथल: किसानों की शुगर मिल में तालाबंदी का आज तीसरा दिन है और आज कैथल शुगर मिल में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों से मिलने पहुंचे. उन्होंने 23 जनवरी को कुरुक्षेत्र में होने वाली बैठक के बारे किसानों से राय मशविरा किया. उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने किसान नेताओं की बैठक बुलाई है, उसमें मुझे निमंत्रण नहीं दिया गया है और वह इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि हम ज्यादा रेट की बात करेंगे. गुरनाम चढूनी ने कहा, हो सकता है कि सीएम ने अपने चहेतों को मीटिंग में बुलाएं और फिर गोलमोल फैसला करके कह दें कि किसानों ने हमारी बात मान ली है और आंदोलन को खत्म किया जाए, लेकिन हम कल कुरुक्षेत्र में होने वाली मीटिंग के बाद ही कोई फैसला लेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 मुख्यमंत्री के बयान कि चीनी के दाम कम हैं पर BKU राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि गर्मी से केवल चीनी ही नहीं बनती है, एथेनॉल बनता है, बिजली पैदा होती है, गन्ने से महंगी तो गन्ने की खोई बिक जाती है. चीनी के दामों को नियंत्रित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, क्योंकि चीनी की बिक्री 65% कमर्शियल यूज में होती है.


ये भी पढ़ें: Farmers Protest: गन्ने की कीमतों को लेकर किसानों का प्रदर्शन दूसरे दिन जारी, बोले- 29 तारीख को अमित शाह की रैली में होगा विरोध


राजनीति में बदलाव और आंदोलन की आड़ में राजनीति के प्रश्न पर गुरनाम सिंह ने कहा कि राजनीति करना कोई अपराध नहीं है और ऐतराज सिर्फ उन लोगों को है, जिनसे सत्ता छिनेगी. इसमें किसानों को कोई ऐतराज नहीं है. चढूनी ने कहा कि अगर किसानों के घर में सत्ता आती है तो उन्हें ऐतराज क्यों होगा. उन्होंने बिना नाम लिए कुछ संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने आप को अराजनीतिक कहते हैं और जाकर नेताओं के तलवे चाटते हैं.


हरियाणा में होने वाली अमित शाह की रैली पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गुरनाम सिंह ने कहा कि किसानों ने पहले कई टकराव झेले हैं और हम मरने से नहीं डरते, लेकिन अभी हम सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं.