Bond Policy: रोहतक में MBBS छात्रों को फिर से सता रही बॉन्ड पॉलिसी, जबरदस्ती सिग्नेचर करवाने का आरोप
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Bond Policy: रोहतक में MBBS छात्रों को फिर से सता रही बॉन्ड पॉलिसी, जबरदस्ती सिग्नेचर करवाने का आरोप

Rohtak MBBS Students News: बॉन्ड पॉलिसी को लेकर एमबीबीएस छात्र और सरकार एक बार फिर से आमने सामने है. बॉन्ड पॉलिसी के तहत बनी सहमति से सरकार मुकर रही है और ट्राईपार्टी एग्रीमेंट को लेकर एमबीबीएस छात्रों के साथ धोखा किया जा रहा है.  2023 बैच के एमबीबीएस छात्रों पर जबरदस्ती दबाव बनाकर सिग्नेचर करवाने का आरोप एमबीबीएस छात्रों ने सरकार पर लगाया है. 

Bond Policy: रोहतक में MBBS छात्रों को फिर से सता रही बॉन्ड पॉलिसी, जबरदस्ती सिग्नेचर करवाने का आरोप

Haryana MBBS Bond Policy: करीब 8 महीने पहले सरकार और एमबीबीएस छात्रों के बीच बनी बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सहमति पर अब फिर से विवाद सामने आया है. एमबीबीएस छात्र और अभिभावकों ने सरकार पर आरोप लगाए हैं की बॉन्ड पॉलिसी के तहत बनी सहमति से सरकार मुकर रही है और ट्राईपार्टी एग्रीमेंट को लेकर एमबीबीएस छात्रों के साथ धोखा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2023 बैच के एमबीबीएस छात्रों पर जबरदस्ती दबाव बनाकर सिग्नेचर करवाने का आरोप एमबीबीएस छात्रों ने सरकार पर लगाया हैं. जिसको लेकर आज छात्र इकट्ठे होकर वीसी अनीता सक्सेना से मिलने के लिए पहुंचे.

बॉन्ड पॉलिसी को लेकर एमबीबीएस छात्र और सरकार एक बार फिर से आमने सामने आ सकते हैं. इसको लेकर एमबीबीएस छात्र आज रोहतक पीजीआई में एकत्रित हुए और परिजनों के साथ मिलकर पीजीआई की वीसी अनीता सक्सेना से मुलाकात करने के लिए पहुंचे. दरअसल, एमबीबीएस छात्रों का आरोप है कि करीब 8 महीने पहले सरकार के साथ बनी सहमति के बाद अब सरकार उनके साथ धोखा कर रही है और उनकी आवाज को दबा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 8 महीने पहले ट्राईपार्टी एग्रीमेंट किया गया था, जिसमें बैंक सरकार और छात्रों के बीच में समझौता हुआ था. अब इस पॉलिसी में यह नहीं बताया गया है कि बैंक कितना लोन छात्रों को देगा जो सरकार को देना है. 

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करीबन 8 महीने पहले बांड पॉलिसी के खिलाफ छात्रों ने 54 दिनों तक धरना दिया था. जिसके बाद सरकार ने छात्रों की मांग मान ली थी, लेकिन अब छात्रों का आरोप है कि सरकार उनके साथ धोखा कर रही है और 2023 के एमबीबीएस बैच के छात्रों पर दबाव बनाकर जबरदस्ती सिग्नेचर करने का दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि बॉन्ड पॉलिसी का विरोध हमेशा से रहा है और इस बार भी छात्र सोच समझकर फैसला करेंगे. वह चाहते हैं कि पीजीआई प्रशासन और सरकार के बीच में टकराव न हो और उनकी मांग मान ली जाए. उन्होंने कहा कि ट्राईपार्टी एग्रीमेंट में एमबीबीएस छात्रों को हरियाणा में नौकरी करने की ही बात कही गई है. उन्होंने कहा कि पहले कि बॉन्ड पॉलिसी में छात्र हरियाणा के अलावा अन्य किसी राज्य में अथवा केंद्र सरकार की आर्मी जुडिशल इत्यादि किसी भी नौकरी में जा सकता है. उनके बॉन्ड लोन की राशि भुगतान सरकार स्वयं करेगी, लेकिन हाल ही में हुई ट्राईपार्टी एग्रीमेंट में यह कहा गया है कि उन्हें केवल हरियाणा में ही नौकरी करनी है.

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