Bhiwani News: विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भेजने के मामले को लेकर जूनियर पहलवानों का विरोध अभी खत्म नहीं हुआ था कि अब मुक्केबाजी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. कुश्ती के बाद मुक्केबाजी के खिलाड़ियों ने भी चयन प्रक्रिया में पक्षपात करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रेसवार्ता कर इस पूरे मामले की जानकारी दी. 


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क्या है पूरा मामला
ओलंपिक के ब्रांज मेडलिस्ट अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह की अगुवाई में एशियन गेम्स की चयन प्रक्रिया के प्रतिभागी व अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज रहे अमित पंघाल, सागर अहलावत और रोहित मोर ने चयन प्रक्रिया पर प्रश्र चिह्न लगाए हैं. मुक्केबाजों ने दो विदेशी कोच पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.  


मिनी क्यूबा के नाम से जानी जाने वाली हरियाणा की खेल नगरी भिवानी में द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश कुमार व ओलंपिक ब्रांज मेडलिस्ट मुक्केबाज विजेंदर सिंह की अगुवाई में 92 किलोग्राम के प्रतिभागी सागर अहलावत, 57 किलोग्राम के प्रतिभागी रोहित मोर व 51 किलोग्राम भार वर्ग के अमित पंघाल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता आयोजित की. इस दौरान मुक्केबाजों ने एशियन गेम्स की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए बगैर ट्रायल के चयन करने पर ऐतराज जताया है. 23 सितंबर से एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता चीन के जोंगजू शहर में आयोजित होनी है.


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चयन प्रक्रिया के प्रतिभागी खिलाड़ियों ने कहा कि चयन प्रक्रिया पहले ट्रायल बेस और खिलाड़ियों के पीछे की जीती हुई प्रतियोगिताओं के आधार पर तय होती थी, लेकिन अब नए मनमाने नियम बनाकर 8 प्वाइंट के आधार पर चयन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसको लेकर उन्हे ऐतराज है. नई चयन प्रक्रिया में खिलाड़ियों की हाजिरी, उनके उठने व सोने का समय, खिलाड़ियों का वजन सहित ऐसे मापदंडों को अपनाया गया है, जिससे खेल का कोई सीधा संपर्क है. 51 किलोग्राम भार वर्ग के अमित पंघाल ने बताया कि उनके स्थान पर दीपक का चयन हुआ है, वो चाहते हैं कि पिछले रिकॉर्ड व ट्रायल के आधार पर चयन हो.


मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने देश के लिए मुक्केबाजी में पहला पदक प्राप्त किया है, लेकिन कभी भी बॉक्सिंग फेडरेशन ने उन्हें चयन प्रक्रिया के नियमों को बनाने, उन्हें बदलने या मुक्केबाजी के उत्थान के किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया. जबकि उनका मुक्केबाजी को लेकर देश में अहम योगदान रहा है. वर्तमान में मनमाने नियमों के आधार पर अपने चहेतों को आगे बढ़ाने का काम बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया कर रही है, जिस पर उन्हे ऐतराज है.विजेंदर सिंह ने खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाने की बात कही, जिससे देश को बेहतर खिलाड़ी मिल सकें.


वहीं द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश कुमार ने कहा कि खेल मंत्रालय, भारत सरकार भले ही खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की बात करती हो, लेकिन साल 2017 से अब तक बहुत से खिलाड़ियों के अवॉर्ड के पैसे सरकार के पास बकाया हैं. ऑनलाइन तरीके से अप्लाई करने की प्रक्रिया के बाद भी खिलाड़ियों तक सरकार की पुरस्कार राशि बकाया है. उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन कमेटी में चार कोच है, जिनमें से दो भारतीय है तथा दो विदेशी हैं. विदेशी कोच को 15-15 लाख रूपये देकर रखा गया है. देशी कोच का कल्चर भारतीय खेल परिदृश्य में सही न बैठने की बात भी द्रोणाचार्य अॅवार्डी जगदीश न कही. इसके साथ ही मुक्केबाजों ने चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में ले जाने और खेल मंत्रालय तक जाने की बात भी कही है. 


Input- Naveen Sharma