तो क्या भैंस का यूरिन पीना गोमूत्र से ज्यादा लाभदायक? इस Research के नतीजों ने चौंकाया
Cow Urine Beneficial Or Not : शोध में गायों, भैंसों और मनुष्यों की यूरिन के 73 नमूनों का इस्तेमाल किया गया. अध्ययन में पाया गया कि भैंस के यूरिन में Antibacterial Activity गायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर थी. भैंस के यूरिन में ई रैपोंटिसी जैसे बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता पाई गई.
Research on Cow Urine: देशभर में बिना किसी आवश्यकता और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के ट्रेडमार्क के लिए बिना गोमूत्र (Cow Urine) देश में व्यापक रूप से कई बीमारियों के इलाज के रूप में बेचा जाता है. घरों में पूजा, धार्मिक समारोहों के अलावा बड़ी संख्या में लोग इसका सेवन भी करते हैं, लेकिन एक शोध के नतीजों ने गोमूत्र के सेवन पर सवाल उठा दिए हैं. दरअसल इस शोध के मुतबिक ताजे गोमूत्र में कई हानिकारक जीवाणु होते हैं, जो लोगों को बीमार बना सकते हैं.
देश के एक नामी संस्थान भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) के अध्ययन के मुताबिक गायों और सांडों के यूरिन सैंपल पर की गई रिसर्च के दौरान कम से कम 14 प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया पाए गए हैं. इनमें से एक एस्चेरिचिया कोली बैक्टीरिया भी शामिल है. यह बैक्टीरिया आमतौर पर मनुष्यों में पेट के संक्रमण से जुड़ा होता है.
ये भी पढ़ें : Quick Weight Loss Tips: वजन कम करना है तो जमकर खाएं पर ये 9 चीजें, सही तरीका भी जान लें
शोध में गायों, भैंसों और मनुष्यों की यूरिन के 73 नमूनों का इस्तेमाल किया गया. अध्ययन के दौरान पाया गया कि भैंस के यूरिन में antibacterial activity गायों की तुलना में कहीं अधिक बेहतर थी. भैंस के यूरिन में एस एपिडर्मिडिस और ई रैपोंटिसी जैसे बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत पाई गई.
इन गायों के यूरिन पर किया गया शोध
गोमूत्र पर रिसर्च के लिए जून से नवंबर 2022 के बीच स्थानीय डेयरी फार्मों से गाय की तीन प्रजातियों- साहिवाल, थारपारकर और विंदावानी (क्रॉस ब्रीड) के यूरिन सैंपल लिए गए.
डिस्ट्रिल्ड काऊ यूरिन कितना फायदेमंद
इस बीच, IVRI के एक पूर्व निदेशक आरएस चौहान ने शोध के नतीजों पर पर सवाल उठाया है. 25 वर्षों से गोमूत्र पर शोध कर रहे आरएस चौहान के मुताबिक डिस्ट्रिल्ड काऊ यूरिन मनुष्यों की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है और यह कैंसर और कोविड के खिलाफ मदद करता है. यह विशेष शोध डिस्ट्रिल्ड काऊ यूरिन के नमूनों पर नहीं किया गया था, जिसके इस्तेमाल की सलाह हम लोगों को वास्तव में देते हैं. ऐसा माना जाता है कि ताजे गोमूत्र के विपरीत 'डिस्टिल्ड' गोमूत्र में संक्रामक बैक्टीरिया नहीं होते हैं. हालांकि इस पर अभी शोध चल रहा है.