Online Course के नाम पर बच्चों के साथ शोषण, NCPCR ने उठाया बड़ा कदम, शिक्षा के नाम पर लूट
नई दिल्लीः डिजिटल होते भारत में ऑफलाइन पढ़ाई के साथ अब बहुत हद तक ऑनलाइन पढ़ाई भी एक जरूरत बन गई है. कोविड के बाद से ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. बाजार में भी बहुत सी प्राइवेट कंपनियां ऑनलाइन ट्यूशन और क्लास की सुविधा देती हैं.
नई दिल्लीः डिजिटल होते भारत में ऑफलाइन पढ़ाई के साथ अब बहुत हद तक ऑनलाइन पढ़ाई भी एक जरूरत बन गई है. कोविड के बाद से ऑनलाइन पढ़ाई का ट्रेंड तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. बाजार में भी बहुत सी प्राइवेट कंपनियां ऑनलाइन ट्यूशन और क्लास की सुविधा देती हैं. स्कूल के साथ मां-बाप अपने बच्चों को घर पर ही पढ़ने के लिए ऑनलाइन कोर्स करवाना पसंद करते है. तो कुछ छात्र समय बचाने के लिए इस तरह के कोर्स करना पसंद करते है. देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस तरह की पढ़ाई को अपना रहे है.
Zee मीडिया ने ऑनलाइन पढ़ाई करवाने वाली कंपनियों का किया इन्वेस्टीगेट
ऑनलाइन कोर्स करवाने वाली कंपनी बायजू (BYJU's) पर आरोप है कि वो बच्चों को गलत तरीके से कोर्स बेच रही है और महंगे होने, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कोर्स के न निकलने से बच्चों का मानसिक रूप से शोषण हो रहा है. साथ ही कंपनी पर मांगे जाने पर रिफंड न करने का भी आरोप लग रहा है. सीईओ को इस मामले में 23 दिसंबर तक अपना जवाब NCPCR देना है. आयोग ने BYJU's द्वारा बच्चों के लिए चलाए जा रहे सभी कोर्स की डिटेल्स, इन कोर्स का स्ट्रक्चर, फीस स्ट्रक्चर, कोर्स में पढ़ रहे छात्रों की संख्या, फीस रिफंड पॉलिसी की जानकारी मांगी है.
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ऐसे कई मामले सामने आए है, जिनसे लगता है कि कंपनी बच्चों और उनके अभिभावकों को गलत तरीके से कोर्स बेच रही है. Zee मीडिया ने भी माता-पिता से जान ने की कोशिश की, अपनी पहचान को छुपाते हुए उन्होंने बताया कि अब सिर्फ ये कंपनी व्यापार कर रही है. बच्चों की शिक्षा से कोई मतलब नहीं. न ही पढ़ाई होती है और ना ही रिफंड के पैसा मिलता है.
BYJU's की पुरानी सेल्स कर्मी से की बात
बच्चों के कॉन्फिडेंस को गिराकर किस तरह से कोर्स के लिए मजबूर किया जाता है. मात-पिता को EMI के नाम पर लूटा जाता है. इसी के साथ गरीब परिवारों को टारगेट किया जाता है. इस पूरे मामले में सामने आया है कि इन महंगे कर्ज को लेने के लिए अभिभावकों को कर्ज आधारित एग्रीमेंट भी करवा रही है. यही नहीं जब अभिभावक इस बारे में कंपनी से शिकायत कर रहे है. तो कंपनी उनके सवालों पर कोई जवाब नहीं दे रही है और न ही पैसा वापस मांगे जाने पर रिफंड कर रही है.
ऐसे कई मामले सोशल मीडिया पर भी आए है. जहां लोगों ने शिकायत की है कि कोर्स उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं थे और न ही अब पैसा रिफंड किया जा रहा है. कई ग्राहक कहते हैं कि कंपनी उन्हें धोखा देकर कारोबार कर रही है. सोशल मीडिया के साथ कंज्यूमर वेबसाइटों पर भी कंपनी के खिलाफ ढेर सारी ऐसी शिकायतों की जा रही है जहां लोग ये कहते नजर आ रहे हैं कि BYJU's की वजह से उन्होंने अपनी बचत खो दी या उनके साथ धोखा हुआ है.
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इन ऑनलाइन पढाई के नाम पर कोर्स देने वाली कम्पनियो ने गरीब परिवारों को निशाना बनाया. इसमें अधिकतर कम आय वाले परिवार वाले शामिल रहे, जिनका कहना है कि सेल्स के लोगों ने बहुत आक्रामकता से उन्हें कोर्स को खरीदने के लिए मजबूर किया और उनसे पैसे बटोर कर ले गए. वहीं अधिकतर लोगों का ये भी कहना है कि कंपनी के सेल्समेन ने उनके बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध कराने की इच्छा का लाभ उठाया और उन्हें कर्जदार ही बना दिया है.
वेबसाइट पर ऐसी कंपनियों के खिलाफ 4000 से ज्यादा मामले दर्ज
- तेजी से बदलते वक्त के साथ बच्चों की पढ़ाई की जरूरते भी बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में ऑनलाइन क्लास देने वाली कंपनियों ने पेरेंट्स को उनके बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने का सपना दिखा कर कारोबार करने से परेज नहीं कर रही है.
- मुरादनगर की रहने वाली स्कूल टीचर हैं. लॉकडाउन के दरमियां बुरी तरह से प्रभावित हुई. बच्चे की पढ़ाई के लिए परेशान थी. साल 2021 में उनका 10 साल का बेटा तेजस त्यागी 6वीं क्लास में प्रमोट हुआ था. तमाम एडवरटीजमेंट को देखते हुए 20 नवंबर, 2021 को ऑनलाइन क्लास देने वाली कंपनी BYJU’S से संपर्क किया. संपर्क करते ही ऑनलाइन क्लास देने वाली इस कंपनी से एक के बाद एक कॉल आने शुरू हो गए.
- हामी भरने पर कंपनी का एक काउंसलर प्रीति के घर पहुंचा, जिसने बकायदा कैलकुलेशन के साथ तमाम वादे कर अच्छी पढ़ाई के सपने दिखाए. यहां तक कि प्रीति ने अपने बच्चे के लिए कंपनी से सिर्फ 1 साल के सब्सक्रिप्शन की बात कही थी, मगर कंपनी के काउंसलर ने बार-बार भविष्य में कीमतें बढ़ जाने की बात कह कर पेरेंट्स को 3 साल के सब्सक्रिप्शन के लिए राजी कर लिया, जिसके लिए परिवार ने कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि 43000 रुपये की कीमत चुकाई थी.
- कंपनी की तरफ से क्लास के लिए अपने यहां से 10000 का टैबलेट खरीदने के लिए कहा. परिवार के असमर्थता जताते हुए घर में ही मौजूद मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ाने की बात कही तो कंपनी की तरफ से बताया गया कि क्लासेस इन सब डिवाइसेज पर कनेक्ट नहीं होंगी।
- सभी विषय पढ़ाई जाने की बात कही थी, मगर ना हिंदी पढ़ाई जा रही थी और न ही इंग्लिश. रिकॉर्डेड वीडियो के अलावा बच्चों की पढ़ाई की कोई मॉनिटरिंग नहीं थी.
- तेजस पूरी तरह से अंग्रेजी में रिकॉर्ड किए गए वीडियो क्लास में कंफर्टेबल नहीं था, तो उसके लिए हिंदी में सबटाइटल लगा दिया. जो पूरी तरह से समझ नहीं आती थी. रिकॉर्डेड क्लास होने की वजह से बच्चा अपने डाउट्स को भी क्लियर नहीं कर सकता था, जबकि पहले बताया गया था कि सभी क्लासेज लाइव होगी.
- प्रीति को एक हफ्ते के अंदर की इस ऑनलाइन क्लास की झूठे वादों पर शक होने लगा, बच्चा तेजस भी परेशान रहने लगा. मनी बैक की गारंटी के हिसाब से जब पेरेंट्स ने 15 दिन बाद कंपनी से संपर्क साधने की कोशिश की तो वहां से फोन उठना बंद हो गया. 3 से 4 महीने की लंबी मशक्कत और तमाम शिकायतों के बाद कंपनी ने जाकर पैसे लौटाया.
- प्रीति के मुताबिक ये ऑनलाइन क्लास देने वाली कंपनी पेरेंट्स को सिर्फ बेवकूफ बना रही हैं.