Land For Job Case: बिहार और दिल्ली एनसीआर समेत 12 ठिकानों पर CBI की रेड, जल्द हो सकती है लालू यादव के परिवार से पूछताछ
Land For Job Scam CBI Raid: लालू यादव के रेल मंत्री होने के दौरान नौकरी के बदले जमीन लेने का घोटाला हुआ था. इसको लेकर आज बिहार से लेकर दिल्ली एनसीआर 12 जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की.
Land For Job Scam: सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब (Land For Job) मामले में RJD के राज्यसभा सांसद प्रेम चंद गुप्ता और विधायक किरण देवी के ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई ने ये छापेमारी हरियाणा, दिल्ली और बिहार में 12 जगहों पर की है. सीबीआई ने इनके पास से जांच से जुड़े अहम दस्तावेज और जानकारियां जुटाई है.
एजेंसी ने जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में बिहार में विधायक किरण देवी और उनके पति अरूण यादव के पटना, आरा और भोजपुर में ठिकानों पर छापेमारी की. दिल्ली में सांसद प्रेम चंद गुप्ता के तीन मुर्ति लेन पर सरकारी घर और डिफेंस कॉलोनी के दफ्तर और घर पर छापेमारी की. इसके अलावा हरियाणा के रेवाड़ी जिले में धारूहेड़ा में प्रेम चंद गुप्ता की कंपनी पर भी छापेमारी की गई. प्रेमचंद गुप्ता और भोजपुर के संदेश से विधायक किरण देवी के पति अरूण यादव लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी बताए जाते हैं. माना जाता है कि लालू के निवेश की जानकारी प्रेमचंद गुप्ता के पास ही रहती है.
सीबीआई में दर्ज मामले के मुताबिक लालू प्रसाद यादव UPA सरकार में साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. इसी दौरान लालू यादव ने बिना किसी नोटिफेकिशन के रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी में लोगों की भर्तियां की. जिसके बदले में जमीने ली गई. जिन लोगों को नौकरी पर रखा गया था वो सभी बिहार में पटना के रहने वाले थे, लेकिन नौकरियां रेलवे के मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर के अलग-अलग जोन में दी गई. सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए सबसे पहले सितंबर 2021 में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसकी जांच में सबूत मिलने के बाद सीबीआई ने 18 मई को लालू यादव और उनकी पत्नी और दो बेटियों समेत 17 आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
जांच में पता चला कि लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी में लोगों को भर्ती करने के बदले उनसे जमीने ली. जो जमीन ली गई थी उनमें से 3 लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के नाम, 1 बेटी मीसा भारती के नाम और दो गिफ्ट में (Gift Deed) बेटी हेमा यादव के नाम थी. 1 जमीन M/s AK Infosystem Pvt. Ltd. के नाम थी. जिसे साल 2014 में राबड़ी देवी और उनकी बेटियों के नाम कर दिया गया था, जिसमें कंपनी और उससे जुड़ी सारी संपत्ति भी शामिल थी. राबड़ी देवी के पास कंपनी के सबसे ज्यादा शेयर थे और वो कंपनी की डायरेक्टर बनीं. यानी जो जमीन नौकरी के बदले कंपनी के नाम दी गई थी वो भी अब लालू यादव के परिवार की संपत्ति हो गई थी.
इस मामले में सीबीआई ने 7 अक्टूबर 2022 को लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. जिस पर अदालत ने संज्ञान लेकर सभी आरोपियों को 15 मार्च 2023 को अदालत में पेश होने के लिए कहा था. हालाकिं चार्जशीट फाइल होने से पहले एजेंसी ने लालू यादव, राबड़ी देवी या मीसा भारती से पूछताछ नहीं की थी, लेकिन चार्जशीट दाखिल होने के बाद सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और तेजस्वी यादव से पूछताछ की. जिस तरह से एजेंसी इस मामले में सबूत मिलने का दावा कर रही है, जल्द ही लालू यादव के परिवार से फिर से पूछताछ की जा सकती है.