Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है. साल में चैत्र और आश्विन माह में पड़ने वाली नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वारूपों का पूजन किया जाता है. इस साल चैत्र नवरात्रि  (chaitra navratri 2023) की शुरुआत 22 मार्च से होगी और 30 मार्च को रामनवमी के दिन इसका समापन होगा. वैसे तो नवरात्रि के सभी दिनों का विशेष महत्व होता है, लेकिन अष्टमी को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. इसे महाअष्टमी भी कहा जाता है. इस दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है.


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चैत्र नवरात्रि महाअष्टमी तिथि (chaitra navratri Ashtami 2023 Date)
चैत्र शुक्ल अष्टमी तिथि 28 मार्च को शाम 07 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 29 मार्च 2023 को रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार अष्टमी का व्रत 29 मार्च को रखा जाएगा. इस दिन कुछ खास योग बनने से इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा. 


महाअष्टमी पर बनने वाले शुभ योग  
शोभन योग- 28 मार्च रात 11 बजकर 36 मिनट से 29 मार्च सुबह 12 बजकर 13 मिनट तक.
रवि योग-29 मार्च रात 08 बजकर 07 मिनट से 30 मार्च सुबह 06 बजकर 14 मिनट तक.


महाअष्टमी पूजन विधि
अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप का पूजन किया जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत भी रखती हैं. अष्टमी के दिन सुबह उठकर साफ वस्त्र धारण करें और फिर मां गौरी की तस्वीर को चौकी पर स्थापित करें. मां को सिंदूर लगाएं और लाल रंग का फूल चढ़ाएं. पूजा के दौरान 'ओम देवी महागौर्यै नम:' मंत्र का जाप करें. मां को लाल रंग की चुनरी अर्पित करते हुए सुहाग की चीजें अर्पित करें. ऐसा करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है.  


कन्या पूजन
अष्टमी तिथि के दिन कंजक पूजा यानी कन्या पूजा की भी विधान है. इस दिन 9 कन्याओं का पूजन करें और फिर उन्हें भोजन कराएं. साथ ही कन्याओं को उपहार भी दें. ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा बनी रहती है. 


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं/ज्योतिषियों/पंचांग पर आधारित है. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.