Chanakya Niti: जानें कौन से चार गुण दिलाएंगे नौकरी में तरक्की, कामयाबी चूमेगी कदम
आचार्य चाणक्य ने नौकरी-व्यापार में तरक्की को लेकर कई मंत्रों के बारे में बताया हैं. चाणक्य का कहना हैं कि नौकरी में सफलता पाने के लिए कई गुणों का होना बहुत जरूरी है.
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को विद्वान का दर्जा दिया गया है. कहा जाता हैं कि उन्हें कई विषयों के बारे में जानकरी थी. फिर चाहे वो वैवाहिक जीवन हो या फिर नौकरी-व्यापार में तरक्की के मंत्र. उनकी नीतियों को अनपनाने के बाद कई लोगों की किस्मत चमकी है. जब चारो ओर निराशा हो तो चाणक्य की नीतियों को अपनाने के बाद ही इंसान इनसे उबरने की उम्मीद कर सकता है. चाणक्य ने अपने शास्त्र नीतियों में बताया है कि नौकरी में सफलता पाने के लिए व्यक्ति में कौन से गुण होने चाहिए. जिससे वह सफलता की सीढ़ी चढ़ सके. तो आइए इन गुणों के बारे में जानते हैं.
1. लक्ष्य: किसी भी व्यक्ति को कामयाबी तब ही हासिल होती है जब लक्ष्य तय हो. नौकरी और व्यापार में अपने लक्ष्य का पता होना चाहिए तभी तरक्की हासिल की जा सकती है. अगर कामों को पूरी प्लानिंग के साथ किया जाए तो समय के साथ किसी भी काम को आसानी के साथ पूरा किया जा सकता है. व्यापार में भी अपने काम को निर्धारित करें ताकि नकुसान होने से बच सकें.
2. अनुशासन और मेहनत: लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेहनत और अनुशासन को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. चाणक्य की मानें तो मेहनत के बल पर ही किसी भी व्यक्ति में अनुशासन की भावना को उजागर किया जा सकता है. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कभी भी दूसरों के भरोसे नहीं बैठना चाहिए. चाणक्य कह गए हैं कि व्यक्ति कितना ही संपन्न क्यों न हो जाए उसे हमेशा काम करते रहना चाहिए. अगर अपना काम दूसरों को सौंप देते हैं तो काम समय से पूरा नहीं हो पाएगा.
3. वफादारी: अपने काम के प्रति वफादार होना जरूरी होता है. क्योंकि ये कामयाबी की पहली निशानी होती है. काम में लापरवाही करने से काम को भी नुकसान पहुंचा सकती है. व्यक्ति अगर ईमानदार रहता है तो भविष्य में सफलता जरूर हासिल होती है. लापरवाही करने से काम के साथ-साथ व्यक्ति की छवि को भी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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4. निर्डर: जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब व्यक्ति को सही समय पर सही फैसला लेना बहुत आवश्य होता है. चाणक्य के मुताबिक नौकरी-व्यापार में नुकसान की समझ होना भी बहुत जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को फैसले लेने चाहिए. नुकसान होने पर रोने की बजाय भविष्य की रणनीति तैयार करनी चाहिए. इसलिए वही व्यक्ति जीवन में सफल होता है जो अपनी असफलता से डरता नहीं है.