Delhi News: आधार कार्ड के बिना शेल्टर होम में नहीं दिया जा प्रवेश, सिविल सोसायटी ने DUSIB को लिखा पत्र
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Delhi News: आधार कार्ड के बिना शेल्टर होम में नहीं दिया जा प्रवेश, सिविल सोसायटी ने DUSIB को लिखा पत्र

Delhi News Hindi: संगठनों ने पत्र में लिखा-दिल्ली में शेल्टर उन लोगों के लिए बनाए गए थे. उन्होंने इस संबंध में DUSIB से तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया, ताकि बेघर व्यक्तियों को बिना शर्त शेल्टर होम में प्रवेश दिया जा सके.

Delhi News: आधार कार्ड के बिना शेल्टर होम में नहीं दिया जा प्रवेश, सिविल सोसायटी ने DUSIB को लिखा पत्र

Letter to DUSIB: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बेघर लोगों की समस्याओं को उठाने वाले शहरी अधिकार मंच: बेघरों के साथ (SAM:BKS) ने 27 से 31 अगस्त के बीच एक सर्वे किया. इसके मुताबिक दिल्ली में करीब 3 लाख लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. सर्दी के इस मौसम में दिल्ली में बनाए गए शेल्टर होम में इन लोगों को शेल्टर होम में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है, जिनके पास आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नहीं है. सिविल सोसायटी संगठनों ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है. साथ ही कहा है कि भीषण सर्दी में आश्रय न देना बेघरों को बुरी तरह प्रभावित करेगा. संगठनों ने इस बात पर बल दिया कि शेल्टर देने से इनकार करना लोगों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह उन ऐतिहासिक निर्णयों और नीतियों के विपरीत है, जो कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे. उन्होंने इस संबंध में DUSIB से तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया, ताकि बेघर व्यक्तियों को बिना शर्त शेल्टर होम में प्रवेश दिया जा सके. 

संगठनों ने अपने पत्र में लिखा-दिल्ली में तीन लाख लोग सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं. शहर में शेल्टर उन लोगों के लिए बनाए गए थे, जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है. कई लोगों के पास अपनी कमजोर हालात और कार्य स्थितियों के कारण ऐसे डॉक्यूमेंट नहीं होते. किसी दस्तावेज या मोबाइल नंबर न होने की वजह से बुनियादी सुविधाएं देने से मना करना बेघरों को असमान रूप से प्रभावित करता है. 

बेघरों में 82% श्रमिक वर्ग के लोग 
पत्र में ये भी लिखा है कि 2011 में शेल्टर मैनेजमेंट एजेंसियों की मदद से किए गए एक सर्वे में पाया गया था कि बेघर जनसंख्या का 82 प्रतिशत हिस्सा श्रमिकों का है, जिनमें से कई प्रवासी श्रमिक निर्माण, सफाई और परिवहन जैसे क्षेत्रों में काम करते हैं. 91 प्रतिशत बेघर लोग विपरीत मौसमी परिस्थितियों के कारण  शेल्टर लेते हैं. सिविल सोसायटी का कहना है कि शेल्टर प्रदान करना केवल दयालुता का कार्य नहीं है, बल्कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों के जीवन और गरिमा की रक्षा करे. 

शेल्टर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का अनुरोध 
सिविल सोसाइटी संगठनों ने दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) से तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि बेघर व्यक्तियों को शेल्टर के लिए बिना किसी शर्त के पहुंच दी जा सके. संगठनों ने शेल्टर सुविधाओं का विस्तार करने, बुनियादी सेवाओं जैसे कंबल, गद्दे, शौचालय, पीने का पानी और भोजन सुनिश्चित करने के अलावा हर जिले में शेल्टर होम बनाने, सर्दियों के दौरान बेघर व्यक्तियों की पहचान करने और उनकी मदद करने के लिए सक्रिय प्रयास करने की भी अपील की है. सिविल सोसायटी ने बिना भेदभाव के बेघरों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शेल्टर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का अनुरोध किया है.

इनपुट: पीटीआई 

 

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