Chanakya Niti: नीति शास्त्र के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य है. उन्होंने इंसानी जिंदगी से जुड़े कई पहलुओं का उल्लख किया है. जिस तरह बाहर से कठोर अंदर से नरम उसी तरह से चाणक्य की नीति होती है. चाणक्य की ये कठोर नीतियां ही जिंदगी को सफल बनाने में मददगार साबित होती हैं. 


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चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र के चौथे अध्याय में बताया है कि आखिर किस वजह से इंसान और घोड़े में बुढ़ापा जल्दी आ जाता है. चौथे अध्याय के 17 वें श्लोक में इसका जिक्र किया गया है. चाणक्य ने उदहारण देते हुए बताया है कि जिस तरह तेज धूप में कपड़े सूखाने से उसका रंग उड़ जाता है, इसी तरह से कुछ ऐसे काम होते हैं. जिनको करने से बुढ़ापा जल्दी आ जाता है. 


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चाणक्य का श्लोक: 
अधवा जरा मनुष्याणां वाजिनां बन्धनं जरा,
अमैथुनं जरा स्त्रीणां वस्त्राणामातपो जरा.


चाणक्य ने अपने शास्त्र में बताया है कि पुरुष अगर ज्यादा यात्रा करता है और आराम नहीं कर पाता है. अगर यात्रा की थकावट ने उतरे और उसे सही खान-पान न मिल पाए, तो  वो समय से पहले बुढ़ा हो जाता है और इससे स्वास्थ्य पर बूरा प्रभाव पड़ता है. 


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घोड़े को लेकर आचार्य चाणक्या का कहते है कि घोड़ा घूमने वाला जानवर है. ऐसी कहावत भी है कि घोड़ा कभी बूढ़ा नहीं होता है, लेकिन चाणक्य की मानें तो अगर घोड़े को बांधकर रखा जाए जो वह जल्दी से बूढ़ा हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वह घूमने का आदि होता है. 


वहीं महिलाओं को लेकर चाणक्य का कहना है कि अगर पति अपनी पत्नी को शारीरिक सुख नहीं दे पाता है, तो वह जल्द ही बूढ़ी हो जाती हैं.