Chandigarh Crime News: हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर ठगी के तंत्र पर कड़ा प्रहार करते हुए फर्जी एवं जाली दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए 20,545 मोबाइल नंबर को ब्लॉक करवाया है. साथ ही हरियाणा का जामताड़ा घोषित हो चुके मेवात एरिया के निशानदेही किए गए 40 गांवों को रिपोर्ट किया गया है. साथ ही प्रदेशभर में संचालित साइबर धोखाधड़ी में संलिप्त करीब 34000 से अधिक मोबाइल नंबर को चिंहित कर रिर्पोट किया गया है. साइबर ठगी में संलिप्त अन्य 14 हजार मोबाइल नंबरों को भी भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के माध्यम से जल्द ही ब्लॉक करवा दिया जाएगा.  


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साइबर क्राइम के 32 स्पॉट


साइबर नोडल संस्था स्टेट क्राइम ब्रांच वर्तमान में साइबर अपराध में संलिप्त सभी मोबाइल नंबरों पर नजर रख रही है. प्रतिदिन जिलों से उपरोक्त के बारे में रिपोर्ट ले रही है.  इस कारण से वर्तमान में साइबर ठगी में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर ब्लॉक करने में हरियाणा प्रथम स्थान पर है. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि वर्तमान में ऐसे क्षेत्रों और गांवों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जहां से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. हाल ही में केंद्र सरकार ने 9 राज्यों में जो 32 साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बताए थे, उनमें मेवात, भिवानी, नूंह, पलवल, मनोटा, हसनपुर, हथन गांव शामिल थे. वहीं प्रदेश सरकार, साइबर अपराधियों के प्रति कठोर एक्शन लेने में गुरेज नहीं कर रही है.


102 टीमों ने की रेड
अभी कुछ दिन पहले ही हरियाणा पुलिस के 5000 पुलिसकर्मियों ने साइबर केंद्र बन चुके मेवात के 14 गांवों में 102 टीमों ने रेड की गई थी. दरअसल मेवात को प्रदेश की सीमा पर स्थित होने का लाभ मिलता था. इसके अलावा वहां भी साइबर ठगों के पास, अपराध करने के पश्चात पड़ोसी राज्यों जैसे की राजस्थान व दिल्ली भागने का मौका होता है. इसके अलावा उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में साइबर अपराध में लिप्त मोबाइल नंबर सबसे अधिक आंध्र प्रदेश से जारी किए गए हैं. उनका संचालन प्रदेश में साइबर अपराध करने के लिए हो रहा है. 


आंध्र प्रदेश के सबसे ज्यादा फेक नंबर
इस वक्त कुल फेक आईडी पर खरीदे गए चिन्हित मोबाइल नंबरों में, 12822 मोबाइल नंबर आंध्र प्रदेश से, 4365 पश्चिम बंगाल से, 4338  दिल्ली से, 2322 असम से, 2261 नॉर्थ ईस्ट राज्यों से और 2490 हरियाणा प्रदेश से जारी किए गए हैं. सभी नंबर वर्तमान में हरियाणा के अलग अलग क्षेत्रों से संचालित हो रहे हैं, जिनको ब्लॉक करने के लिए दूरसंचार विभाग को लिखा जा चुका है.
 
संदिग्ध नंबर हो रहे पोर्टल पर अपडेट
स्टेट क्राइम ब्रांच चीफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की साइबर हेल्पलाइन टीम में 40 पुलिस कर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं. प्रदेश में आने वाली साइबर ठगी की शिकायतों को दर्ज कर संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने के लिए तुरंत पोर्टल पर अपडेट कर दिया जाता है. फर्जी और अवैध दस्तावेजों पर खरीदे गए इन सिम को रोककर साइबर ठगों के मंसूबों को विफल किया जा रहा है.



सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान
उन्होंने कहा कि साइबर ठगी को रोकने के लिए प्रदेश में स्टेट क्राइम ब्रांच में गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार  हरियाणा स्टेट साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है. वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्रांच में बतौर DIG अपनी सेवाएं दे रहे हैं. आईपीएस अफसर हामिद अख्तर को इस कोऑर्डिनेशन सेंटर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. हरियाणा स्टेट साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना प्रदेश में साइबर ठगों का डेटाबेस बनाने, उनके बैंक अकाउंट, मोबाइल नंबरों की जांच करने व साइबर अपराध के बारे में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने हेतु की गई है. इसके अलावा प्रदेश में कार्यरत साइबर हेल्पलाइन 1930 के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी इस सेंटर को दी गई है. वहीं साइबर अपराध की मोडस ऑपरेंडी के बारे में सोशल मीडिया पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.  


नंबर कर देता है निष्क्रिय
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के निर्देश दिए जा चुके हैं कि जिले में साइबर अपराध में संलिप्त मोबाइल नंबरों का प्रोफार्मा अनुसार साइबर नोडल संस्था को सूचित करें. इससे उन सभी नंबरों को साइबर क्राइम पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा. जैसे ही मोबाइल नंबर साइबर पोर्टल पर अपलोड होता है, दूरसंचार विभाग उस नंबर को ब्लॉक या निष्क्रिय कर देता है. इसके अतिरिक्त साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर ने पुरे वर्ष के लिए ट्रेनिंग कैलेंडर भी जारी कर दिया गया है. यहां प्रदेश में साइबर अपराध पर कार्य कर रहे अनुसंधान अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.