Chandigarh Mayor Election News: चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर अब आगे क्या होगा, यह सुप्रीम कोर्ट खुद मतपत्र देखकर तय करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने मतपत्रों को कल अपने सामने पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा  हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा है कि वो एक अधिकारी को मतपत्रों के साथ भेजे. रिकॉर्ड के सुरक्षित पहुंचने के सारे इतंजाम किए जाए. इसके अलावा कोर्ट ने मतगणना का वीडियो भी पेश करने को कहा है. कोर्ट मतपत्रों को देखकर कल तय करेगा कि क्या फिर से चुनाव कराया जाए या मतपत्रों को फिर से गणना कर चुनाव परिणाम घोषित किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ में जो दलबदल हो रहा है, उसको लेकर वो बहुत चिंतित है.


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बदले चुनावी गणित में अहम होगा कोर्ट का आदेश
कोर्ट का आदेश इसलिए भी अहम रहेगा क्योंकि चुनाव होने से लेकर अब तक आंकड़ो का गणित बदल चुका है. तीन आप पार्षद बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. तीन आप पार्षद के आने से बीजेपी के पास अब कुल 17 पार्षद हो चुके है. बीजेपी के पास 1 सांसद (बीजेपी से किरण खेर) का वोट भी है. इसके अलावा अकाली दल के एक पार्षद ने बीजेपी का समर्थन किया है. इसके मद्देनजर बीजेपी के पास अब कुल 19 वोट है और आप के मुकाबले वो बड़ी पार्टी बन चुकी है, लेकिन जब चुनाव हुए थे तब सदन में आप-कांग्रेस के कुल 20 पार्षद होने की वजह से बहुमत का आंकड़ा उनके पास था. हालांकि इन गठबंधन के आठ वो रद्द करार दिए गए थे, जिसके चलते बीजेपी के उम्मीदवार विजय सोनकर विजयी घोषित कर दिए थे. \


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निर्वाचन अधिकारी ने निशान बनाने की बात कबूली
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव का वीडियो देखने के बाद निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर सफाई देने को कहा था. आज कोर्ट में अनिल मसीह पेश हुए. कोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि वो सच बोले. अगर झूठ बोलकर गुमराह किया तो इसका नतीजा भुगतना होगा. कोर्ट ने अनिल मसीह से पूछा कि वो कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे और मतपत्रों पर उन्होंने निशान क्यों बनाया. मसीह ने जवाब दिया कि वहां काफी शोर हो रहा था. लोग कैमरा-कैमरा चिल्ला रहे थे. इसलिए मैंने वहां देखा कि क्या बात है. अनिल मसीह ने ये भी बताया कि उन्हें सभी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करना था. जो मतपत्र पहले से ही खराब थे, उन्हें बाकी से अलग करने के लिए उन्होंने निशान बनाया. मसीह ने माना कि आठ खराब मतपत्रों पर उसने अलग से निशान बनाया. 


कोर्ट निर्वाचन अधिकारी की सफाई से संतुष्ट नहीं
कोर्ट निर्वाचन अधिकारी की सफाई से संतुष्ट नहीं हुआ. चीफ जस्टिस ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी को मतपत्रों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार है, लेकिन उन पर अलग से निशान बनाने का कोई औचित्य नहीं है. कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रकिया में दखल देने के लिए उन पर मुकदमा चलना चाहिए. कोर्ट ने अनिल मसीह को कल भी उस वक्त मौजूद रहने को कहा है, जब कोर्ट मतपत्र देखेगा.