Chandigarh News: प्रमोशन को लेकर क्रिकेटर से DSP बने जोगिंदर शर्मा ने हरियाणा सरकार को बड़ा झटका दिया है. शर्मा ने सरकार की हरियाणा पुलिस सर्विस (HPS) वाले DSP को IPS प्रमोट करने की योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें डीएसपी जोगिंदर की दी दलीलों पर सरकार से जवाब तलब किया है.


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हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस दौरान प्रमोशन हो जाती है तो यह प्रक्रिया हाईकोर्ट के इस केस में अंतिम फैसले पर निर्भर रहेगी. जोगिंदर शर्मा हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार में DSP बने थे. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब प्रमोशन प्रक्रिया लटकने के आसार बन गए HC में दायर पिटीशन में जोगिंदर शर्मा ने कहा था कि IPS अफसर प्रमोट किए जाने वाले 12 अफसरों में अपना नाम शामिल नहीं है. योग्य होने के बावजूद उनका नाम प्रमोशन की लिस्ट में नहीं डाला गया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा है कि उनकी प्रमोशन की प्रक्रिया इस केस के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी.


हाईकोर्ट में DSP शर्मा ने रखी यह दलीलें
DSP जोगिंदर शर्मा ने हाईकोर्ट में दायर पिटीशन में कहा कि सरकार 2021 की सिलेक्शन लिस्ट के लिए IPS पद पर प्रमोशन के लिए स्टेट पुलिस सर्विस के 12 अधिकारियों के नामों पर विचार कर रही है. लिस्ट में शामिल अधिकांश DSP 2009 में राज्य पुलिस में शामिल हुए थे. इसके बावजूद उन्हें लिस्ट में शामिल नहीं किया गया, जबकि वह 5 अक्टूबर 2007 को सेवा में शामिल हुए थे. नियमों के अनुसार सभी 11 DSP से पहले उन्होंने प्रोबेशन पूरी की थी. उनके साथ प्रमोशन को लेकर भेदभाव किया जा रहा है.


हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में DSP जोगिंदर सरकार ने तर्क दिया है कि राज्य अथॉरिटी ने लिस्ट में अवैध रूप से उल्लेख किया है कि ट्रेनिंग पूरी होने पर याची की सेवा कन्फर्म की जाती है. यह शर्त नियुक्ति पत्र एवं नियमों के विरुद्ध होने के साथ पूरी तरह से अवैध है. नियुक्ति पत्र या प्रासंगिक नियमों में ऐसा कोई भी उल्लेख नहीं है कि


DSP ने जोगिंदर शर्मा ने दावा किया कि हरियाणा पुलिस सेवा नियम 2002 के नियम 10 में यह प्रावधान है कि सेवा के सदस्य 2 साल के लिए प्रोबेशन पर रहेंगे, जिसमें ट्रेनिंग का समय आदि भी शामिल है. वह नियमों के अनुसार, 5 अक्टूबर 2009 को DSP के पद पर कन्फर्म होने के हकदार थे, या अधिकतम इसे 5 अक्टूबर, 2010 तक बढ़ाया जा सकता था, लेकिन उनकी प्रोबेशन अवधि कभी नहीं बढ़ाई गई. इसके बाद 23 और 29 नवंबर के आदेश के अनुसार, उसे 9 जनवरी 2014 से कन्फर्म कर दिया गया है, जो सेवा में शामिल होने के 6 साल और 3 महीने की अवधि के बाद है.