Chandigarh News: रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में 62 लाख के बाद अब करीब 5 करोड़ रुपये का गबन का मामला सामने आया है. पिछले दिनों 62 लाख के गबन के बाद विभाग ने 2020 से लेकर 2023 तक सरकारी कोष में हुए ट्रांजेक्शन और कैशबुक का मिलान करवाया. इसमें करीब 5 करोड़ रुपये की राशि का गबन का खुलासा हुआ है. आरटीए सेक्रेटरी हैरतजीत कौर ने पुलिस को पत्र लिखकर दो ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा है. पत्र में लिखा गया है कि उक्त अधिकारी 2020 से लेकर 2023 तक कैशियर के पद पर तैनात रह चुके हैं. 62 लाख रुपये के मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले में अभी तक चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.


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2020 से 2023 तक जमा राशि की हुई जांच
आरटीए विभाग के अनुसार, 2020 से लेकर 2023 तक विभाग के कोषागार के कैशबुक, वाउचर और जमा राशि की जांच की गई तो धोखाधड़ी का खुलासा हुआ. गाड़ियों का चालान हुआ तो जुर्माना भी लिया गया. उसका वाउचर भी बनाया. कैशबुक में एंट्री भी की गई, लेकिन उन पैसों को आरटीए विभाग के कोष में जमा नहीं करवाया गया. 2020 से लेकर अब तक चार कैशियर पंचकूला आरटीए दफ्तर में तैनात रह चुके हैं. इनमें इंस्पेक्टर संदीप, इंस्पेक्टर राकेश राणा, सब इंस्पेक्टर प्रवीण और सब इंस्पेक्टर शलागा है. इंस्पेक्टर संदीप फिलहाल अंबाला आरटीए विभाग में तैनात हैं.


पुलिस अब उन्हें जांच में शामिल करने की तैयारी कर रही है. पुलिस ने चपरासी और ड्राइवर को 62 लाख के गबन के मामले में गिरफ्तार किया है. मामले की जांच की गई तो करीब पांच करोड़ का गबन करने का एक और मामला सामने आया है. इसके बाद पुलिस को पत्र लिखकर दो ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा है. सेक्टर-5 थाना प्रभारी अजीत सिंह ने बताया कि आरटीए विभाग की तरफ से शिकायत मिली है. जल्द कार्रवाई की जाएगी.


62 लाख के गबन में ड्राइवर और चपरासी गिरफ्तार
आरटीए विभाग में 62 लाख के गबन के मामले में पुलिस ने दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान तरुण और तरसेम के रूप में हुई है. तरुण विभाग में ड्राइवर और तरसेम चपरासी है. पुलिस के अनुसार, इस मामले में पहले ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर राकेश राणा और सब इंस्पेक्टर प्रवीण को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया था. उनसे पूछताछ के बाद तरुण और तरसेम को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस आरोपियों से जानकारी जुटा रही है कि गबन के मामले में कितने और लोग शामिल हैं. 2023 जनवरी से लेकर जुलाई माह तक गाड़ियों के जुर्माने की राशि आरटीए के कोष में जमा नहीं कराई थी. इसकी जानकारी मिलते ही आरटीए सेक्रेटरी ने मामले की जांच की तो 62 लाख रुपये का गबन सामने आया.


Input: Divya Rani