Charkhi Dadri News: चरखी दादरी के गांव पिचौपा कलां पहाड़ में बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने एक माइनिंग कंपनी पर अवैध रूप से पत्थरों का दोहन कर सरकार को चूना लगाने के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने मंगलवार को पहाड़ क्षेत्र में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया. वहीं ग्रामीणों ने अवैध माइनिंग बंद करवाने व माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ग्रामीणों ने बताया कि पिचौपा कलां पहाड़ में एक माइनिंग कंपनी अपनी मनमानी चलकार अवैध माइनिंग कर रही है. उन्होंने कहा कि माइनिंग के दौरान पूरी तरह से अनियमितताएं बरतने के साथ दूसरा फ्रॉड किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के पास जो एरिया है, उससे कहीं अधिक एरिया में खनन किया जा रहा है. इसके अलावा कंपनी का सालाना खनन की जो क्षमता थी वो पूरी हो चुकी है, जिसके चलते यहां से खनन नहीं किया जा सकता. मगर फर्जी तरीके से बिल दूसरे स्थान के बिल काटकर यहां से खनन जारी है. लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण भूमिगत पानी भी निकल चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी खनन किया जा रहा है.
 
ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पुलिस व प्रशासन को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. अवैध रूप से किए जा रहे ब्लास्ट के कारण किसानों ने सिंचाई के लिए जो कुएं बनाए हैं उनमें दरार आ चुकी है और भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला रहा है. वहीं ग्रामीणों ने माइनिंग कंपनी संचालकों पर आरोप जड़ते हुए कहा कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत करता है तो वे जान से मारने की धमकी दी जाती है. बीते दिनों सरपंच प्रतिनिधि को भी इस प्रकार की धमकी मिल चुकी है. ग्रामीणों ने रोष जताते हुए शीघ्र इस पर संज्ञान लेकर अवैध माइनिंग को बंद करवाने व अवैध माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.


ये भी पढ़ें: Panchkula Crime: बिल्डर को मिली जान से मारने की धमकी, बीजेपी नेता पर लगा आरोप


पिचौपा कलां के ग्रामीण संजीव कुमार ने बताया कि कंपनी के पास 11 हेक्टेयर में माइनिंग करने की लीज है, लेकिन 20 हेक्टेयर में माइनिंग की जा रही है. जो पूनी तरह से अवैध हैं. उन्होंने कहा कि पहाड़ से प्रतिमाह हजारों टन पत्थर का गलत तरीके से दोहन कर सरकार को प्रतिमाह करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिचौपा कलां में सालाना दोहन करने की कैपेसिटी पूरी कर ली गई है, लेकिन अभी भी यहां खनन किया जा रहा है और माईकलां में बंद पड़ी कंपनी के नाम पर बिल काटे जा रहे हैं. 


रोष जता रहे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिचौपा कलां से शीशवाला व बादल को जाने वाले लिंक मार्ग का निर्माण करवाया गया था. इस लिंक मार्ग से हरियाणा रोड़वेज की बसें भी जाती थी, लेकिन कंपनी द्वारा करीब दो साल पहले इस मार्ग को उखाड़कर दिया गया और वहां पर माइनिंग कर ली गई है. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 


दादरी माइनिंग कार्यलय में तैनात खनन निरीक्षक ने कहा कि जो भी माइनिंग की जाती है. वह सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती है. आज ही उनके संज्ञान में ये मामला आया है अगर गलत तरीके से दूसरी कंपनी के बिल काटे जा रहे हैं तो उनकी जांच की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी. वहीं कंपनी द्वारा रास्ता उखाड़ने की बात पर उन्होंन कहा कि वे बीते चार साल से वहां विजिट कर रहे हैं. उन्होंने इस प्रकार का कोई लिंक मार्ग वहां नहीं देखा है. सरकार के दिशा निर्देशों के विरूद्ध कंपनी कोई काम नहीं कर सकती. 


Input: Pushpender Kumar


लेटेस्ट और ट्रेंडिंग Delhi News पढ़ने के लिए Zee Delhi NCR Haryana को फॉलो करेंं। ब्रेकिंग न्यूज़ और टॉप हेडलाइंस Zee Delhi Live TV पर देखें।