राजू राज/नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रौशन करने वाली बेटी दिव्या काकरान को दिल्ली सरकार के साथ अपने हक और सम्मान के लिए नूरा कुश्ती करनी पड़ रही है. दिव्या को आज दिल्ली वाली होने का सबूत देने पड़ रहे हैं. उन्होनें कहा कि दिल्ली सरकार से पैसे नहीं सम्मान चाहिए. 


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बता दें कि दिव्या काकरान मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हैं और दिल्ली के लिए ही खेल रही हैं. इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतने पर दिव्या काकरान को ट्विटर पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बधाई दी थी. जिस पर दिव्या ने ट्वीट कर कहा कि मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री को तहे दिल से धन्यवाद मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली में रह रही हूं. यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं, परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नहीं दी गई और न कोई मदद दी गई. मैं आपसे इतना निवेदन करती हूं कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट से भी खेलते हैं, उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाए.


इसके बाद आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्विटर पर दिव्या से कहा कि बहन पूरे देश को आप पर गर्व है, लेकिन मुझे याद नहीं आता कि आप दिल्ली की तरफ से खेलती हैं. आप हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती आई हैं, लेकिन खिलाड़ी देश को होता है. योगी आदित्यनाथ से आप को सम्मान मिलने की उम्मीद नहीं है. मुझे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आपकी बात जरूर सुनेंगे. हो सकता है मैं गलत हूं बहन, मगर मैंने ढूंढा तो पाया कि आप दिल्ली राज्य की तरफ से नहीं, हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती रही हैं. आज पूरे देश को आप पर नाज है. ईश्वर से प्रार्थना है कि आप और आगे बढ़ें.


इसके बाद दिव्या काकरान ने ट्विटर पर कुछ दस्तावेज पोस्ट कर दावा किया कि वो 2011 से 2017 तक दिल्ली के लिए खेलती आई हैं. उन्होंने ट्वीट में कहा कि 2011 से 2017 तक मैं दिल्ली से खेलती थी. ये रहा सर्टीफिकेट जो कि दिल्ली स्टेट का है, अगर आपको अभी भी यकीन नहीं तो दिल्ली स्टेट से 17 गोल्ड हैं मेरे पास वो सर्टीफिकेट भी अपलोड करूं.


वहीं दिव्या काकरान का कहना है कि 2017 तक मैंने दिल्ली को 58 मेडल दिए हैं. इसमें कई गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल हैं. इसके बाद भी दिल्ली सरकार की तरफ से मेरे पास कोई नहीं आया. साथ ही केजरीवाल सरकार ने ये भी नहीं पूछा कि ऐशियन गेम में मुझे अवार्ड मिला. वहीं मलोज तिवारी की तरफ मुझे 3 लाख की मदद मिली है. 


उन्होंने बताया कि 2017 में मैं खुद सीएम से मिलने गई थी, लेकिन मुझे 2018 में अपॉइंटमेंट मिला. इस दौरान मैंने सीएम केजरीवाल से कहा कि मुझे मदद चाहिए, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद से मैंने दिल्ली के लिए खेलना छोड़ दिया. 


दिव्या काकरान ने बताया कि 2017 के लास्ट से मैं यूपी के लिए लड़ने लगी. इसके बाद मुझे यूपी सरकार की तरफ से नौकरी मिली, लक्ष्मी बाई सम्मान से समानित किया और यूपी से आजीवन 20 हजार पेंशन का प्रोत्साहन मिला. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में भी यूपी से ही खेलूंगी. 


उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है. दिल्ली सरकार बाकी खिलाड़ियों की मदद करती है, लेकिन पता नहीं मेरी क्यों नहीं करती है. मैं देश के लिए इतने मेडल लाई, लेकिन दिल्ली सरकार का दिल नहीं जीत पाई.