चंडीगढ़ : हरियाणा निकाय चुनाव में कांग्रेस के मैदान से बाहर हो जाने के कारण अचानक प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण बन गए हैं. दो दिन पहले तक भाजपा और जजपा अलग-अलग चुनाव लड़ने की बात कह रही थीं. लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में दोनों पार्टियों ने नगर परिषद के चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है. 


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गुरुवार को हरियाणा निवास पर दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया. बैठक में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे़, प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, महामंत्री वेदपाल एडवोकेट व मोहनलाल बडोली और जेजेपी की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह और प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला बैठक में पहुंचे.


दोनों दलों के नेताओं के बीच गहन मंथन हुआ, जिसमें दोनों तरफ से ही यह बात रखी गई कि जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ही मैदान में नहीं है तो चुनाव में लड़ाई ही नहीं बची. इसलिए 18 नगर परिषदों के चेयरमैन पदों पर भाजपा और जजपा को मिलकर ही लड़ना चाहिए. इस पर सहमति बनाने के बाद टिकटों के बंटवारे पर चर्चा हुई, जिसमें 4 सीटें जजपा को देने पर सहमति बनी. नरवाना, टोहाना, डबवाली और नूंह नगर परिषद से जेजेपी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा बाकी 14 नगर परिषदों में चेयरमैन पद पर भाजपा का उम्मीदवार होगा. 


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनाव के मैदान से बिना लडे़ ही बाहर हो गई है. ऐसे में बदली हुई परिस्थितियों में भाजपा और जजपा ने भी मिलकर लड़ने का फैसला किया है. अब तय है कि सभी 18 सीटें पर भाजपा-जजपा गठबंधन विजयी होगा. ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि आज देर रात या कल सुबह तक निकाय चुनावों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. इससे पहले 28 मई को हिसार में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद बीजेपी चुनाव समिति ने फैसला किया था कि बीजेपी निकाय चुनाव में जेजेपी से गठबंधन नहीं करेगी. 


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जेजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट दोबारा आएगी 


वहीं दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जेजेपी जिन उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, उनसे बातचीत कर समझाया जाएगा.  उम्मीदवारों की सूची दोबारा जारी की जाएगी. वहीं सरदार निशान सिंह ने कहा कि गठबंधन की दोनों पार्टियां मजबूती से मिलकर चुनाव लड़ेंगी.