Delhi Crime: फर्जी ट्रेडिंग ऐप बनाकर निवेशकों से ठगे 53 लाख रुपये
Cyber Scam: दिल्ली पुलिस ने अज्ञात घोटालेबाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रूप में एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप बनाया, जिसमें निवेशकों को 53,45,000 रुपये का चूना लगाया.
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने अज्ञात घोटालेबाजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन्होंने एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रूप में एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप बनाया, जिसमें निवेशकों को 53,45,000 रुपये का चूना लगाया. राकेश कुमार द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार घोटालेबाजों ने ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए विभिन्न खातों में धन जमा करने डमी लाभ दिखाने और उन्हें आईपीओ के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा.
इससे पहले तमिलनाडु से गिरफ्तार किए चार आरोपी
जब ग्राहकों ने अपने फंड को निकालने की कोशिश की, तो घोटालेबाजों ने अतिरिक्त भुगतान की मांग की. यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318/61 (2) के तहत स्पेशल सेल, लोधी कॉलोनी, दिल्ली में दर्ज किया गया है. आगे की जांच जारी है. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई अधिकारी के रूप में जालसाज द्वारा 2.6 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले में तमिलनाडु के पल्लीपट्टू से चार लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों की पहचान तमिलारसन कुप्पन (29), प्रकाश (26), अरविंदन (23) और अजित (28) के रूप में हुई और 13 सितंबर को गिरफ्तारी की गई. ईडी के मुताबिक, चारों आरोपी फर्जी कंपनियां बनाने और बैंक खाते खोलने में शामिल थे, जिसके जरिए साइबर घोटाले से अर्जित अपराध की आय (पीओसी) को लूटा जाता था. बेंगलुरु की विशेष अदालत ने इन चारों आरोपियों को चार दिनों की ईडी हिरासत में दिया है. इसके अलावा ईडी ने साइबरफॉरेस्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्जी कंपनी के बैंक खाते में 2.8 करोड़ रुपये की पीओसी फ्रीज कर दी है.
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पीड़ित के नाम से विदेश भेजा जा रहा था अवैध सामान
ईडी ने देश भर के विभिन्न राज्य पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें 3 सितंबर की एफआईआर संख्या 330 भी शामिल है, जो विशेष अपराध और साइबर अपराध पुलिस, जयपुर द्वारा दर्ज की गई थी. कॉल के दौरान पीड़ित को बताया गया कि पीड़ित के नाम से अवैध सामान विदेश भेजा जा रहा है. फिर पीड़ित को सुरक्षा के तौर पर 'फंड वैधीकरण भुगतान करने का निर्देश दिया गया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पीड़ित द्वारा कोई अवैध रूप से पैसा नहीं कमाया गया है. जालसाजों ने 'फंड वैधीकरण' की आड़ में कॉल करने वाले द्वारा बताए गए तीन अलग- अलग खातों में तीन अलग-अलग किश्तों में कुल 2.16 करोड़ रुपये (लगभग) ट्रांसफर करने को कहा