अधिवक्ता हत्याकांड के विरोध में कल बंद रहेंगी दिल्ली की सभी जिला अदालतें, NDLA ने की सिक्योरिटी की मांग
Delhi Court Protest: एनडीएलए का कहना है कि दिल्ली में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू करना समय की जरूरत है. NDLA ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से अधिवक्ताओं की सुरक्षा से जुड़े मामले पर प्राथमिकता से विचार करने की मांग की.
नई दिल्ली: द्वारका में शनिवार शाम एडवोकेट वीरेंद्र नरवाल की सरेराह गोली मारकर हत्या के मामले में सोमवार को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल रहेगी. यह निर्णय ऑल दिल्ली बार कोआर्डिनेशन कमेटी की मीटिंग में लिया गया है.
नॉर्थ दिल्ली लॉयर्स एसोसिएशन (NDLA) के प्रधान सचिव एडवोकेट विनीत जिंदल ने कहा कि NDLA इस घटना की निंदा करता है. यह वारदात दिल्ली में वकील बिरादरी पर हमला है. अधिवक्ताओं के खिलाफ धमकी और हिंसक कृत्यों की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं, लेकिन हमें सुरक्षा का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. यहां तक कि हमारे परिवार भी कमजोर स्थिति में हैं.
उन्होंने कहा कि एनडीएलए लंबे समय से अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम के लिए आवाज उठा रहा है और अब दिल्ली में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू करना समय की जरूरत है. NDLA ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से अधिवक्ताओं की सुरक्षा से जुड़े मामले पर प्राथमिकता से विचार करने की मांग की.
द्वारका साउथ इलाके में शनिवार शाम बाइक से पीछा कर रहे दो हमलावरों ने साम करीब 4.20 बजे कार से जा रहे एडवोकेट वीरेंद्र की तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने हमलावरों की पहचान प्रदीप और नरेश के तौर पर हुई. दोनों आरोपी वकील के सन्नोट गांव के रहने वाले हैं. प्रदीप और वीरेंद्र के परिवार में वर्षों से रंजिश थी.
इसके चलते प्रदीप ने 2017 मे भी वकील वीरेंद्र पर हमला किया था, जिसमे वीरेंद्र बच गए थे इसके बाद वकील एडवोकेट को दिल्ली पुलिस की तरफ से PSO भी मिला था, लेकिन कोविड के दौरान सुरक्षा हटा दी गई थी. ऐसा बताया जा रहा है कि इस रंजिश की शुरुआत 1987 में उस वक्त शुरू हुई थी, जब आरोप लगा था कि वीरेंद्र के दादा रामस्वरूप ने प्रदीप के चाचा की हत्या कर दी थी.