जातिगत आरक्षण खत्म करने के लिए जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
जातिगत आरक्षण की समाप्ति व आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, सामाजिक समरसता व महापुरुषों के इतिहास के संरक्षण की मांग को लेकर पिछली 9 अगस्त को यह रथयात्रा जम्मू के ऐतिहासिक राजतिलक भवन से शुरू हुई थी.
नई दिल्ली : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (ABKM) की तीसरी देशव्यापी रथयात्रा आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर संपन्न हुई. 20 राज्यों के 25000 किलोमीटर की यात्रा के बाद ABKM ने जातिगत आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा.
जातिगत आरक्षण की समाप्ति व आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, सामाजिक समरसता व महापुरुषों के इतिहास के संरक्षण की मांग को लेकर पिछली 9 अगस्त को यह रथयात्रा जम्मू के ऐतिहासिक राजतिलक भवन से शुरू हुई थी. यहां से रथयात्रा पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से होते हुए दिल्ली-एनसीआर में जन जागृति पैदा करती हुई गांधीजी की समाधि पर राजघाट पहुंची.
इसके बाद महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर महेंद्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में विभिन्न जातियों के प्रतिनिधि जंतर मंतर पर धरने पर बैठे. इस दौरान विशाल जनसभा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन देने के साथ सम्पन्न हुई.
इस जनसभा में देश के कोने-कोने से विभिन्न जाति व समुदायों के प्रतिनिधि व पदाधिकारी पहुंचे. धरने पर बैठने वालों में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर महेंद्र सिंह तंवर, राष्ट्रीय मंत्री व दिल्ली के पूर्व काउंसलर एवं अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. अशोक चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय सिंह परिहार, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट एपी सिंह, ग्रुप कैप्टन डॉ. जयपाल सिंह चौहान, दामोदर सिंह, ध्यान पाल सिंह अध्यक्ष दिल्ली, ललन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड, रीना सिंह महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, एस मोहनराज अध्यक्ष तामिलनाडू, त्रिवेणी जादौन, राजपा के दुष्यंत सिंह, एस रामालिंगम उपाध्यक्ष तामिलनाडु, सी बालाजी,अध्यक्ष उत्तर चेन्नई प्रमुख, धर्मपाल सिंह रिठाला, मीडिया सलाहकार बद्रीनाथ विसेन, मध्य प्रदेश से रामवीर सिकरवार, अयोध्या पीठाधीश्वर जगतगुरु बाल मुकुंदाचार्य, सुशील सिंह चौहान आदि सम्मिलित रहे.