Ankit Saxena Murder Case: राजधानी दिल्ली के चर्चित अंकित सक्सेना हत्याकांड मामले में शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें मुआवजे की राशि के आकलन के लिए डीएलएसए (दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण) की ओर से प्रभाव रिपोर्ट दाखिल की गई. इस मामले में दोषियों की सजा पर सुनवाई 02 मार्च तक के लिए टाल दिया गया है. 


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क्या है पूरा मामला?
6 साल पहले फरवरी 2018 में पश्चिमी दिल्ली में फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप अंकित की प्रेमिका के माता-पिता ओर मामा पर लगा, जिन्होंने इस  रिश्ते पर आपत्ति होने की वजह से अंकित की बेरहमी से हत्या कर दी. 


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23 दिसंबर 2023 को कोर्ट ने ठहराया दोषी
अंकित की हत्या मामले में तीस हजारी कोर्ट ने प्रेमिका के माता-पिता और मामा को दोषी ठहराया. दोषियों के खिलाफ आरोपों में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) शामिल हैं. इसके अलावा, प्रेमिका की मां शाहनाज बेगम को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का भी दोषी ठहराया गया है.


31 जनवरी को हुई सुनवाई
31 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए  डीएलएसए को पीड़ित प्रभाव आकलन रिपोर्ट संकलित करने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. दरअसल, अंकित की मौत के 3 साल बाद उनके पिता की भी मौत हो गई. अब अंकित के परिवार में उनकी मां एकमात्र जीवित सदस्य हैं. यह रिपोर्ट उन्हें मिलने वाले मुआवजे के आकलन के लिए महत्वपूर्ण है. तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) सुनील कुमार शर्मा ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर ले लिया है और मामले में शामिल तीन दोषियों की सजा पर दलीलें सुनने के लिए 2 मार्च की तारीख तय की है. ऐसे में अब देखना होगा कि क्या 2 मार्च को अंकित को इंसाफ मिल पाएगा या एक बार फिर कोर्ट में इस मामले की सुनवाई टल जाएगी.