Child Labour: नई दिल्ली की आजाद मार्केट की खिलौना फैक्ट्रियों में आज दरियागंज के एसडीएम, श्रम विभाग, बाल विकास धारा और पुलिस का सांझा छापेमार कार्रवाई की गई. जहां बचपन बचाओ आंदोलन के तहत 41 बच्चों को छुड़वाया गए. छापेमारी के बाद आजाद मार्केट के राम बाग रोड पर स्थित दर्जनभर फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया और इनके मालिकों के खिलाफ बाड़ा हिंदू राव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.


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13 से 17 साल की उम्र के ये बच्चे  बिहार, बंगाल और झारखंड से हैं 
बता दें कि छापेमारी के दौरान छुड़ाए गए बच्चे साफ तौर पर भूख और थकान के शिकार दिखाई दे रहे थे. बच्चों की उम्र 13 से 17 साल के बीच थी और ये सभी फटे पुराने कपड़े पहने और नंगे पांव थे. आरोप है कि इन सभी बच्चों को रोजाना सुबह नौ बजे से लेकर आधी रात तक काम कराया जाता था. इन्हें न ठीक से खाना दिया जाता था और न इनके पास सोने की कोई जगह थी. आधी रात तक काम करने के बाद उन्हें फैक्ट्री में ही सोना पड़ता था. ये सभी बच्चे बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के हैं.


मजदूरी के मुक्त कराए गए बच्चों की हुई जांच 
बच्चों को फैक्ट्री के मुक्त कराने के बाद मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने इन सभी बच्चों की जांच कराई. इसके बाद इन बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें एक आश्रय गृह भेज दिया गया.


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कई धाराओं में फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ केस दर्ज 
इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे दरियागंज के एसडीएम अरविंद राणा ने कहा कि इन फैक्ट्री मालिकों ने बाल एवं किशोर श्रम कानून, बाल न्याय कानून और बंधुआ मजदूरी उन्मूलन कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने इन फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ बंधुआ मजदूरी कानून, बाल श्रम कानून, बाल न्याय कानून और ट्रैफिकिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.     


खेलने की उम्र में बच्चों को खिलौना बनाते देखना है शर्म की बात
बच्चों के दुर्व्यापार और बाल मजदूरी की खतरनाक समस्या पर बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि यह समाज के लिए चिंता की बात है कि आजादी के दशकों बाद भी हम अपने बच्चों को बाल मजदूरी के कोढ़ से मुक्त नहीं करा पाए हैं. खिलौनों से खेलने की उम्र में बच्चों को खिलौना बनाते हुए देखना हम सभी को शर्मसार करने वाली बात है. 
    
राजधानी में पिछले दस दिन में बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की बीबीए की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है. पिछले हफ्ते बीबीए ने दिल्ली कैंट के एसडीएम, श्रम विभाग और पुलिस की सांझा कार्रवाई में नारायणा से 14 बच्चों को मुक्त कराया गया था. इसमें ज्यादातर बच्चों की सेहत खराब थी और उनके हाथ-पांव पर जलने के निशान थे.