Delhi Barapula Bridge: दिल्ली के बारापुला ब्रिज को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस 400 साल पुराने पुल के पुनर्निर्माण का जिम्मा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सौंपा है. ASI को निर्देश दिए गए हैं कि तीन महीनों के भीतर इस पुल को ऐसी हालत में लाया जाए, जिससे उस पर ट्रैफिक फिर से चल सके. बारापुला ब्रिज, हुमायूं के मकबरे के पास स्थित है. यह 12 स्तंभों और 11 मेहराबों पर टिका हुआ है, इसी कारण इसे "बारापुला" कहा जाता है. अतिक्रमण और कचरे के कारण यह 200 मीटर लंबा पुल अपनी असली पहचान खो चुका था.


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बारापुला ब्रिज का निर्माण और इतिहास
इस पुल का निर्माण मुगल सम्राट जहांगीर (सलीम) के शासनकाल में 1628 में मीनार बानू आगा के नेतृत्व में हुआ था. यह पुल चूने और पत्थर से बनाया गया था और मुगल काल में इसका उपयोग यमुना नदी को पार करने के लिए किया जाता था. कहा जाता है कि यह पुल दिल्ली के सबसे खूबसूरत पुलों में से एक था और इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य मुगल शासकों को आगरा से दिल्ली लौटते समय निजामुद्दीन दरगाह और हुमायूं के मकबरे तक पहुंचने में सहायता करना था.



उपराज्यपाल का निरीक्षण
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों के साथ क्षेत्र का निरीक्षण किया. इससे पहले 4 अगस्त को भी उन्होंने इस क्षेत्र का दौरा किया था, जहां उन्हें अतिक्रमण का पता चला. इस निरीक्षण के बाद, उन्होंने अतिक्रमण हटाने और व्यवस्था सुधारने के आदेश दिए. स्थानीय आबादी की मदद से नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग, रेलवे और ASI के संयुक्त प्रयासों से पुल के नीचे के नाले की सफाई और जाम हटाने का काम किया गया. एक सप्ताह के भीतर पुल से अतिक्रमण हटा दिया गया है और फिलहाल नाले की सफाई का काम जारी है. सफाई के काम के पूरा होते ही ASI ब्रिज के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करेगा.


पर्यटन स्थल के रूप में विकास
ASI के महानिदेशक ने इस मामले में बताया है कि तीन महीनों में पुल का जीर्णोद्धार कर, इसपर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी, जिससे इस पुल को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके. इस दौरान संरचना को बनाए रखने का भी आश्वासन दिया गया है.


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अन्य स्मारकों का जीर्णोद्धार
एलजी के आदेश पर दिल्ली में कई विरासत संरचनाओं का संरक्षण और जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. इनमें सेंट जेम्स चर्च, महरौली पुरातत्व पार्क, रोशन आरा बाग, शालीमार बाग, अनंग ताल बावली, रजों की बावली, किला राय पिथौरा, जमाली कमाली मस्जिद परिसर, दिल्ली चलो पार्क, घाटा मस्जिद और उर्दू अकादमी पार्क शामिल हैं.