नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद अब एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है. हाल ही में श्रद्धा मर्डर केस के बाद देशभर के लोगों का आक्रोश खत्म नहीं हुआ था कि एक बार फिर से 20 वर्षीय युवती के साथ हुई दरिंदगी के बाद दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. 


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आज राजधानी दिल्ली मे पढ़ने वाली छात्राओं ने देश के कानून से न्याय और महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आवाज उठाई. इन छात्राओं का कहना है कि बेटी के घर से निकलते ही माता-पिता को उनकी चिंता होने लगती है. अगर लड़कों के परिवारवाले उन पर एक्शन लें तो सड़क पर लड़कियां सुरक्षित हो जाएंगी. 


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राजधानी दिल्ली में महिलाएं पुलिस पर बहुत कम भरोसा करती है, जिसकी वजह है किसी भी शिकायत के बाद एक्शन में लगने वाला लंबा वक्त. हाल ही में कंझावला केस में भी पुलिस की लापरवाही का मामला सामने आया है. राजधानी दिल्ली मे महिलाओ को दिन हो या फिर रात, घर हो या बाहर डर लगता है. दिल्ली पुलिस दावा करती है कि वो 24 घंटे पहरा देती है. दिल्ली मे हर महिला सुरक्षित है, लेकिन  31 दिसम्बर की रात से लेकर अभी तक लगातार अलग-अलग इलाकों मे महिलाओं पर हमले हो रहे हैं.शिकायत होने के बाद भी आरोपी खुले में घूमते हैं. छात्राओं के अनुसार अगर जांच मे तेजी लाकर आरोपियों को फांसी दे दी जाए या फिर आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया जाए तो अपराध होने कम हो जाएंगे. 


हमारे देश का भविष्य ये छात्राएं जो अपनी आंखो मे आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, टीचर, मॉडल, खिलाडी,बनने के सपने लेकर घर से निकलती हैं. रास्ते में इनके साथ क्या होगा किसी को नहीं पता. घर से निकलने के बाद माता-पिता को हर वक्त इनकी सुरक्षा की चिंता रहती है कि कहां कोई उनकी बेटी पर हमला न कर दे.  राजधानी दिल्ली में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं इनके अंदर पुलिस का कोई डर नहीं बचा है. पुलिस के ऊपर से अब जनता का भरोसा उठ रहा है. छात्राओं ने देश के कानून से न्याय और महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाए जानें की मांग की.