नई दिल्ली : राजधानी में वाहनों की चोरी की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच दिल्ली पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने ऑटो लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग दक्षिण पश्चिम जिले में चोरी की वरदात को अंजाम देता आ रहा था. पुलिस ने आरोपियों के पास से 12 दोपहिया वाहन, चोरी की एक बाइक (टुकड़ों में तोड़ी गई), 5 इंजन, 2 चेसिस, 4 साइलेंसर, 4 फ्यूल टैंक समेत काफी सामान बरामद किया है. 


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वाहन चोरी होने के बाद कुछ घंटों में ही गैस कटर से गाड़ी काट दी जाती थी और इसके बाद इसका सामान दिल्ली NCR में बिक जाता था. वाहन चोरी की जांच कर रही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की तो एक टेंपो (ग्रामीण सेवा) की संख्या अधूरी दिखाई दिया. पंजीकरण संख्या के केवल अंतिम तीन अंक स्पष्ट थे.


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इसके बाद एएनपीआर कैमरा द्वारा रिकॉर्ड किए गए लॉग पर टेंपो की अपूर्ण संख्या की जांच की गई और उसके बाद पुलिस ने टेंपो को जितेंद्र उर्फ जीतू के साथ खोज निकाला. पहले तो जितेंद्र पुलिस को गुमराह कर रहा था, लेकिन लगातार पूछताछ करने पर वह टूट गया और उसने एक मैकेनिक आस मोहम्मद उर्फ ​​कैफ के बारे में जानकारी दी और फिर पुलिस दीपक और जसबीर सिंह तक जा पहुंची. 


साउथ वेस्ट दिल्ली के एडीशनल डीसीपी राजीव कुमार ने कहा कि आरोपी जितेंद्र (34) केवल कक्षा 6 तक पढ़ा है और शराब का आदी है और दो मामलों में पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. वह अपने सहयोगी आस मोहम्मद के साथ दोपहिया वाहन चुराता था और आस मोहम्मद के अन्य साथी दीपक को बेच देता था. प्रत्येक वाहन के लिए उसे 5 हजार तक मिल जाते थे. 


वहीं आरोपी आस मोहम्मद उर्फ ​​कैफ (43) अनपढ़ है और रंगपुरी में मैकेनिक की दुकान चलाता है. आस मोहम्मद दीपक के माध्यम से चोरी के वाहनों को बेचता है और मरम्मत के दौरान वाहनों में उन्हीं पुर्जों को लगाने के लिए ग्रहकों से पैसे वसूल करता है. आरोपी दीपक पाल (32) 10वीं पास है चोरी के दोपहिया वाहन मायापुरी में एक जसबीर सिंह को बेचता है. जसबीर सिंह (50) मायापुरी में कबाड़ की दुकान चलाता है और पुराने दोपहिया वाहनों को कबाड़ में खरीदता था. वह चोरी के नए दोपहिया वाहनों की खरीद और उन्हें डिस्मेंटल करने में भी शामिल है. 


इनपुट: शरद भारद्वाज