Delhi News: राजधानी दिल्ली के असोला फतेहपुर बेरी गांव में 1957 में बना कम्युनिटी सेंटर बदहाली की मार झेल रहा है. कई दशकों से कम्युनिटी सेंटर जर्जर हुआ पड़ा है. यहां हर तरफ कूड़े कचरे का अंबार नजर आता है. गांव के मवेशियों ने अब इस कम्युनिटी सेंटर को अपना नया ठिकाना बना लिया है. कोरोना महामारी के पहले इसे बनवाने के प्रयास किए गए, बजट भी पास हो गया, लेकिन कोरोना के बाद काम शुरू नहीं हो पाया. अब एक बार फिर समाजसेवियों द्वारा PMO को चिट्ठी लिखकर सामुदायिक भवन को बनवाने की मांग की गई है. 


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दिल्ली के छतरपुर विधानसभा में देश के कोने-कोने से लोग बड़ी-बड़ी शादियां करने के लिए आते हैं.इस इलाके में हजारों फार्म हाउस ऐसे हैं जहां पर एक शादी का खर्च करोड़ में आता है. वहीं दूसरी ओर यहां रहने वाले हजारों परिवार सामुदायिक भवन नहीं होने के कारण मजबूरी में जैसे-तैसे अपने बच्चों की शादियां कर रहे हैं.



जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह असोला फतेहपुर बेरी गांव का इकलौता कम्युनिटी सेंटर है.सन 1957 में यह कम्युनिटी सेंटर बनाया गया था. उस समय गांव की आबादी के हिसाब से यहां पर शादियां और कई कार्यक्रम होते रहे ,लेकिन जैसे-जैसे गांव की आबादी बढ़नी शुरू हुई वैसे-वैसे यह भवन छोटा पड़ता चला गया. लिहाजा इस कम्युनिटी सेंटर में हमेशा के लिए ताला लग गया और कई दशकों से यह बिल्डिंग जर्जर हालत में पड़ी हुई है. बिल्डिंग के चारों तरफ कूड़े का अंबार फैला रहता है. वहीं असामाजिक तत्व भी यहां आते जाते रहते हैं.


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अपने क्षेत्र में सामुदायिक भवन बनवाने का जिम्मा स्थानीय लोगों ने अपने हाथों में लिया है. स्थानीय समाजसेवी ऋषिपाल महाशय ने इस सामुदायिक भवन बनवाने के लिए डिपार्टमेंट में चिट्टियां लिखनी शुरू की. सभी डिपार्टमेंट से समाजसेवी को सामुदायिक भवन बनवाने का आश्वासन मिला, लेकिन साल बीत जाने पर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.


स्थानीय लोग तत्कालीन सांसद रमेश बिधूड़ी के पास इस समस्या को लेकर गए, रमेश बिधूड़ी ने सामुदायिक भवन की इस बात को दिल्ली LG तक पहुंचाई. उस समय काफी हद तक बात आगे बढ़ गई थी, लगभग 90 लाख का बजट भी आ गया, लेकिन कोरोना काल आने के बाद यह तैयारी एक बार फिर से ठंडे बस्ती में चली गई. 


अब स्थानीय लोगों ने दोबारा पत्राचार करना शुरू किया, लेकिन कहीं से भी कोई ठोस प्रयास देखने को नहीं मिला. आखिर में यहां के समाजसेवी ऋषिपाल महाशय ने अपने तमाम कागजात के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में सामुदायिक भवन के बाबत पत्र लिखा. उनकी समस्या को प्रधानमंत्री कार्यालय में देखा गया, उसके बाद यह आदेश दिया गया है कि स्थानीय प्रशासन जल्द से जल्द इस सामुदायिक भवन को बनवाने का कार्य शुरू करें.
 
प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद स्थानीय लोगों में एक उम्मीद की किरण देखने को मिल रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा आए जवाब के बाबत स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से भी बात की. सभी ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द कम्युनिटी सेंटर बनाने के लिए जमीन के डीमार्केशन की प्रक्रिया को शुरू की जाएगी. उसके बाद दिल्ली सरकार द्वारा यह जमीन डीडीए को दी जाएगी,  डीडीए इस जमीन पर सामुदायिक भवन बनवाएगी.


Input- Mukesh Singh