Delhi weather: दिल्ली की गर्मी ने तोड़ा 54 सालों का रिकॉर्ड, फरवरी में तीसरी बार रहा सबसे गर्म दिन
Delhi weather: राजधानी दिल्ली में फरवरी महीने में गर्मी ने पिछले 54 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. सोमवार को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले 1993 और 2006 में फरवरी में अधिकतम तापमान ज्यादा रहने का रिकॉर्ड दर्ज है.
Delhi Temperature: राजधानी दिल्ली में ठंड के बाद अब फरवरी के महीने से ही गर्मी भी अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. सोमवार को 54 साल में फरवरी महीने में दिल्ली का तीसरा सबसे गर्म दिन रहा. सोमवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से 9 डिग्री अधिक 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं 26 फरवरी 2006 को फरवरी महीने में सबसे ज्यादा तापमान 34.1 रहने का रिकॉर्ड दर्ज है.
मौसम विभाग के आकड़ों के अनुसार सोमवार को दिल्ली पिछले 54 सालों में तीसरी बार सबसे सबसे ज्यादा गर्म रही. 1969 के बाद साल 1993 और 2006 में अधिकतम तापमान 33 डिग्री के पार दर्ज किया गया. वहीं तीसरी बार सोमवार को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और न्यूनतम तापमान 13.1 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से दो डिग्री अधिक है. वहीं आने वाले दिनों में तापमान और ज्यादा बढ़ेगा. IMD के पूर्वानुमान के अनुसार इस हफ्ते अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की उम्मीद है.
पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं होने से बढ़ रही गर्मी
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजधानी में तेजी से बढ़ रही गर्मी के लिए पश्चिमी विक्षोभ जिम्मेदार है, जो सर्दियों में बारिश कराता है. पश्चिमी हिमालयन क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ Delhi-NCR और उसके आस-पास के राज्यों में सक्रिय नहीं हुआ, जिसकी वजह से तापमान तेजी से बढ़ रहा है. वहीं आने वाले दिनों में इसमें और ज्यादा इजाफा होने के आासार हैं.
तापमान बढ़ने से प्रभावित होगी गेंहू की फसल
तेजी से बढ़ते तापमान का असर गेंहू की फसल पर भी देखने को मिलेगा. गर्मी की वजह से गेंहू की उपज में कमी आ सकती है. IMD की तरफ से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों के लिए बुलेटिन जारी किया गया है, जिसमें इस बात की जानकारी दी गई है कि अभी जो तापमान दर्ज किया जा रहा है वो सामान्य तौर पर 15 मार्च के बाद दर्ज होता था. तापमान में बढ़ोत्तरी की वजह से देर से बोई जाने वाली गेहूं की किस्म बिल्कुल नहीं उग पाएगी. वहीं गेहूं की पहले बोई गई फसल की उपज भी प्रभावित होगी.