नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री (Delhi Environment minister) ने दिल्ली देहात के खेतों में पराली बायो डी-कंपोजर (Bio Decomposer) केमिकल छिड़कने की आज से शुरुआत की है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने आज बुराड़ी इलाके में यमुना किनारे खेतों पर बायो डी-कंपोजर छिड़कने के लिए पहुंचे. दिल्ली के सर्द मौसम में बढ़ती प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगाई है. जिसके चलते बायो डी-कंपोजर का छिड़काव कर प्रदूषण को नियंत्रण करने की कौशिश की जा रही है. खेतो में पराली का जलना राजधानी दिल्ली में प्रदूषण फैलने का मुख्य कारण है. पराली को जलने से बचाने और दिल्ली में प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार कई प्रयास रही है.


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5,000 एकड़ खेतों में होगा  बायो डी-कंपोजर का छिड़काव
दिल्ली में बढ़ते हुए प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार और कई एजेंसियों ने चिंता व्यक्त की है. इसको लेकर दिल्ली सरकार की कई अहम मीटिंग हुई और पिछले साल की तरह इस साल भी दिल्ली में पराली परबायो डी-कंपोजिट्स रखने का फैसला लिया गया है.  इस बार पिछले साल से ज्यादा करीब 5000 एकड़ खेतों में बायो डी-कंपोजर छिड़का जाएगा. जिसमें आज से इस छिड़काव की शुरुआत दिल्ली के पर्यावरण मिनिस्टर गोपाल राय द्वारा की गई. गोपाल राय दिल्ली के बुराड़ी इलाके में पहुंचे जहां उन्होंने यमुना किनारे खेतो में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया. जिससे कि किसान धान की पराली को न जलाएं और साथ ही दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सके. 


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प्रदूषण पर रोकथाम के लिए पहले से लागू है Grap Policy


दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए दिल्ली सरकार ने 1 अक्टूबर से 30 दिसम्बर तक दिल्ली में  Grap लगाया हुआ है. जिसके तहत दिल्ली में कंस्ट्रक्शन के काम को बंद किया गया है. इन नियमों में इस साल कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके तहत इनका पालन करते हुए यह किया जा रहा है.


तेजी से बढ़े पराली जलाने के मामले
दिल्ली में डी-कंपोजर छिड़काव के पहले ही पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में तेजी आई है. वहीं पिछले कुछ दिनों हुई बारिश की वजह से फसलों की कटाई देर से शुरू हुई. जिसके चलते राजधानी और उसके आस-पास के राज्यों में धान की कटाई के बाद पराली जलानी शुरू हो गई है. अब तक पराली जलाने की 1,695 घटनाएं सामने आई हैं.