Delhi AQI Today: दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है. सभी संबंधित विभागों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि प्रदूषण को कम किया जा सके.
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Delhi Pollution News: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सीएक्यूएम (CAQM) के आदेश पर दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया गया है. सभी संबंधित विभागों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि प्रदूषण को कम किया जा सके. दिल्ली में निर्माण एवं कंस्ट्रक्शन कार्यों पर रोक लगा दी गई है. साथ ही बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है. निर्माण कार्यों पर रोक की निगरानी के लिए संबंधित विभाग की टीमें लगातार निरीक्षण करेगी.
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज प्रेसवार्ता को संबोधित किया. गोपाल राय ने कहा कि सर्दियों में हवा की गति कम होती है. जब मैट्रोलाजिकल कंडिशन में बदलाव होता है, तब हवा की स्पीड कम होती है और तापमान में कमी के कारण दिल्ली के प्रदूषण में वृद्धि होती है. जिसकी वजह से दिल्ली और एनसीआर में AQI 400 से ज्यादा है , जो सिवियर कैटेगरी है. इसलिए सीएक्यूएम ने कल आदेश जारी किया है कि ग्रेप के तीसरे चरण को लागू किया जाए.
उन्होंने कहा कि सीएक्यूएम के आदेश के अनुसार दिल्ली में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया है. उसके क्रियान्वयन के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है. बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर प्रतिबंध लागू किया गया है. अगर इसका कोई उल्लंघन करता है तो मोटर व्हेकिल एक्ट -1988 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा. दिल्ली में निर्माण तथा कंस्ट्रक्शन की गतिविधियों पर बैन लगाया जा रहा है. जिसकी निगरानी डीपीसीसी और राजस्व विभाग की टीमें करेंगी. निर्माण और विध्वंस पर बैन से कुछ विभागों को छूट दी जा रही है, लेकिन उन्हें निर्माण और विध्वंस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना पड़ेगा.
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इन विभागों को छूट मिली हैं, जैसे- रेलवे स्टेशन, मैट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित निर्माण और कंस्ट्रक्शन साइट, अंतर्राज्यीय बस अड्डे, अस्पताल, सड़क एवं राजमार्ग, फ्लाईओवर, बिजली, सीवर लाईन, स्वचछता परियोजनाओं पर निर्माण संबंधी छूट रहेगी. इसके साथ-साथ दिल्ली में जो इंटीरियर वर्क है, जैसे प्लम्बिंग का कार्य, बिजली फिटिंग का कार्य, फर्निचर का काम की छूट रहेगी.
निर्माण और विध्वंस स्थलों पर बोरिंग, ड्रिलिंग, खुदाई तथा भराई के काम पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. निर्माण एवं बिल्डिंग संचालन समेत तमाम संरचनात्मक निर्माण कार्य हैं, उसपर पूरी तरह बैन रहेगा. विध्वंस के कार्य पर पूरी तरह बैन रहेगा. निर्माण और विध्वंस साईट पर लोडिंग अनलोडिंग पर बैन रहेगा. कच्चे माल के स्थानांतरण मैनुअल और फलाईएस समेत बैन रहेगा. कच्ची सड़कों पर वहनों के आने जाने पर बैन रहेगा. टाइल औप पत्थरों के काटने पर बैन रहेगा, फर्श सामग्री के काटने पर बैन रहेगा, पीसने की गतिविधियों पर बैन रहेगा.