दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों कहा-जिसे फरार होना होता है, वो वैसे भी पुलिस को दे देता है चकमा
Delhi High Court ने सड़कों पर मानवरहित बैरिकेड लगाने पर पुलिस को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री दफ्तर की ओर से भेजे गए पत्र पर सुनवाई करते हुए स्पेशल कमिश्नर को तलब किया है.
नई दिल्ली : सड़कों पर मानवरहित बैरिकेड ( unmanned barricades) लगाने को लेकर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को जमकर फटकार लगाई है. साथ ही अगली सुनवाई पर स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) को पेश होने के लिए कहा है. उन्हें कोर्ट को बताना है कि आखिर बिना इस्तेमाल के बेवजह लगाए गए इन मानवरहित बैरिकेड को कैसे हटाया जाएगा.
जस्टिस मुक्ता गुप्ता और जस्टिस अनिस दयाल की बेंच ने कहा, आखिर सड़क किसलिए बनी है- ट्रैफिक के लिए या उसे बंद करने के लिए. ट्रैफिक प्रबंधन का आपका ये तरीका है कि आप रूट को ही बंद कर देते हैं. अगर किसी को मेडिकल इमरजेंसी है तो उसे भी इन बैरीकेड के चलते आधा घंटा वहां रुकना होगा और ये भी संभव है कि वो समय पर अस्पताल ही नहीं पहुंच पाए.
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कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा, जिसे भागना होता है, वो वैसे भी पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाता है. शाम 6 बजे जब ट्रैफिक पीक पर होता है तो आप ये बैरिकेड लगा देते हैं और सड़कों को बंद कर देते हैं.
पीएम को भेजे गए पत्र पर HC ने लिया संज्ञान
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए एक पत्र पर संज्ञान लिया है. ओम प्रकाश गोयल की ओर से लिखे इस पत्र में पीक टाइम पर पुलिस की ओर से सड़कों पर मानवरहित बैरिकेड लगाए जाने पर सवाल खड़ा किया गया था.
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ओम प्रकाश ने कहा था कि ऐसे बैरिकेड से असल में कोई फायदा नहीं होता है, उल्टे वो ट्रैफिक रोकने के चलते वाहन चालकों और आम जनता की परेशानी की वजह बनते हैं. प्रधानमंत्री दफ्तर की ओर से इस पत्र को उपयुक्त कार्रवाई के लिए दिल्ली HC को भेज दिया गया था.
2020 में हुए एक सर्वे केअनुसार, सड़कों पर सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाले दुनिया के टॉप 10 शहरों में से 4 भारत के हैं. इस सूची में दिल्ली आठवें स्थान पर था. सर्वे के मुताबिक एशिया में सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले शहरों में औसतन 56 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान पांचवां रहा है.