Delhi News: CISF में कॉन्स्टेबल/ ड्राइवर ,फायर सर्विस में ड्राइवर जैसे पदों पर महिलाओं की भी नियुक्ति सुनिश्चित करने के लिए 6 महीने में अपने नियमों में बदलाव करने के  दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिए. अभी तक इन पदों पर सिर्फ पुरुषों की ही नियुक्ति होती है. कुश कालरा नाम के याचिकाकर्ता ने इन नियुक्तियों में महिलाओं के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.


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जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच ने कहा कि मई 2023 में CISF ने हालांकि कोर्ट को बताया था कि वो अपने नियमों में बदलाव करने जा रही है, लेकिन अभी तक इसको लेकर स्प्ष्टता नहीं है कि इन पदों पर महिलाओं की भर्ती को कब तक इजाजत मिल जाएगी.


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केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील राजेश गोगना ने कोर्ट को बताया कि उन्हें अभी तक इस बारे में कोई निर्देश नहीं मिले है कि आखिर इसे कब तक अमल में लाया जाएगा. इस पर कोर्ट ने कहा कि CISF का स्टैंड इतना अस्पष्ट नहीं हो सकता और CISF को 6 महीने के अंदर अपने नियमों में बदलाव करना चाहिए ताकि इन पदों पर महिलाओं की भर्ती हो सके. अगली सुनवाई 15 जुलाई 2024 को होगी. तब कोर्ट देखेगा कि इस आदेश पर कितना अमल हो पाया है.


कुश कालरा ने 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में CISF के एक विज्ञापन का हवाला दिया गया था, जिसमें कॉन्स्टेबल/ ड्राइवर/ड्राइवर-कम-पंप ऑपरेटर पदो के लिए केवल पुरूषों उम्मीदवारों से ही आवेदन मांगे गए थे. याचिकाकर्ता ने इसे भेदभावपूर्ण करार देते हुए इन पदों पर महिलाओं को भी भर्ती किए जाने के लिए CISF को निर्देश देने की मांग की थी.


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि जब CISF में महिला बखूबी दूसरी जिम्मेदारी निभा रही है तो इन पदों से महिलाओं को वंचित रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है.