Delhi News: भीम आर्मी जय भीम आर्मी संगठन ने केंद्र सरकार पर एससी एसटी एक्ट के वर्गीकरण को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार चाहती है कि एससी-एसटी एक्ट खत्म हो जाए, जिसको लेकर भीम आर्मी संगठन 21 अगस्त को बड़े पैमाने पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगा. संगठन ने अपील की है कि सभी जाति और धर्म के लोग भी इनका साथ दें. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जय भीम आर्मी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह नौटियाल ने कहा कि केंद्र सरकार एससी-एसटी एक्ट का वर्गीकरण करके इस एक्ट को समाप्त करना चाहती है. जो उनकी गंदी मानसिकता को दर्शाता है. केंद्र की सरकार इस आरक्षण को समाप्त करना चाहती है, जिसको लेकर हम 21 अगस्त को एक बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली के सभी जिले में ज्ञापन दिया जाएगा और इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा और इसकी पूर्ण वीडियोग्राफी की जाएगी.


ये भी पढ़ें: Kolkata Doctor Murder के विरोध में दिल्लीAIIMS के डॉक्टर्स ने निकाला कैंडल मार्च


जय भीम आर्मी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि हमारे इस आंदोलन का मकसद सिर्फ सरकार को जगाना है और हम चाहते हैं कि सरकार इस एससी-एसटी एक्ट को वर्गीकरण करके समाप्त न करें. हमारा यह आरक्षण बाबा भीमराव अंबेडकर के संविधान में दिया गया है, क्योंकि हम गरीब शोषित और वंचित लोग हैय हमें इसी आरक्षण ने जिंदा रखा है. आज अगर हम लोग सिर उठाकर चल रहे हैं तो इसी आरक्षण की वजह से. आज भी एससी-एसटी का छात्र आईएएस-पीसीएस बनता है तो उनके साथ भेदभाव किया जाता है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस ओर पीसीएस में कितने पीसीएस एससी-एसटी के हैं और कितने जनरल सरकार इसे सबके सामने प्रस्तुत करें.


उन्होंने कहा कि आज भी जज के घर में लगातार जज पैदा हो रहे हैं. आज भी अंबानी और अडानी के घर में अगर बच्चा पैदा हो रहा है तो अखबार में प्रकाशित हो रहा है. एससी-एसटी का बच्चा पैदा होने पर भी उसे हीन भावना से देखा जाता है. आज सरकार किसी क्रीमी लेयर की बात कर रहे हैं, क्या उस क्रीमी लेयर में एससी एसटी नहीं आते. जिस देश के राष्ट्रपति को शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल्ड ट्राइब में होने पर मंदिर में घुसने नहीं दिया जाता है तो सोचकर देखिए आम एससी एसटी एक्ट के साथ आज भी इस देश में किस मानसिकता के साथ देखा जाता है. हम चाहते हैं कि एससी-एसटी एक्ट का वर्गीकरण न हो. हमारे संविधान में जो हमें आरक्षण दिया है उसे खत्म न किया जाए. अब हम आंदोलन के जरिए सरकार को जगाना चाहते है और यह हमारा संवैधानिक अधिकार है.