Delhi JNU News: जेएनयू कैंपस में एक बार फिर हेट स्लोगन लिखा गया है, एक बार फिर देश विरोधी (Free Kashmir), सरकार विरोधी (Modi Teri Kabar Khudegi) और सनातन विरोधी (Bhagwa Jalega) बातें जेएनयू कैंपस के दीवारों पर लिखी गई है. इस बार यह घटना स्कूल आफ लैंग्वेज के अंदर की दीवारों पर लिखी गई है. 


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अक्सर देखा गया है कि जेएनयू कैंपस में कई बार राष्ट्र विरोधी बातें लिखी और कही जाती रही है, उसके बावजूद भी इस तरह के हरकतों को नाकाम करने में जेएनयू प्रशासन असफल रहती है. एक बार फिर से इस हेट स्लोगन ने नए विवाद को जन्म दे दिया है. कैंपस में बीते कई साल से छात्र संघ के चुनाव पर रोक लगी हुई है, ऐसे में माना यह भी जा रहा है कि कैंपस के अंदर चुनावी सरगर्मी शुरू हो उससे पहले ही माहौल को एक तरह से बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. यह स्लोगन किसने और कब लिखा यह अभी तक साफ नहीं है. 


शनिवार की शाम को स्कूल आफ लैंग्वेज के दीवारों पर जगह-जगह यह स्लोगन लिखे गए. अमूमन शनिवार और रविवार को यहां छात्र या स्टाफ की आवाजाहि बहुत कम रहती है. शायद इसी का फायदा उठाकर इस तरह के हेट स्लोगन यहां लिखा गया है. इस पूरे मामले में लेफ्ट संगठन और जेएनयू एसयू की प्रेसिडेंट आइशी घोष से बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे बात न होने के बाद एबीवीपी के छात्रों से इस पूरे विषय पर उनकी प्रतिक्रिया जानी. एबीवीपी के छात्र सीधे-सीधे किसी भी छात्र संगठन पर आरोप तो नहीं लगा रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कह रहे हैं कि यह हरकत वामपंथी छात्रों द्वारा की गई है. बीते कई साल में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी है, जिसमें की लेफ्ट समर्थक छात्र या संगठन उसमें इंवॉल्वेस रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर बार-बार इस तरह की हरकत के बावजूद प्रशासन क्या कदम उठाती है. 


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एबीवीपी के छात्र ने बताया कि इन लोगों ने जेएनयू प्रशासन को एक मेमोरेंडम दिया हैं, जिसके तहत ऐसी शर्मनाक हरकत के लिए सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि अफसोस की बात यह है कि ऐसी घटना जेएनयू में कोई पहली बार नहीं हो रही है. इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी है, लेकिन प्रशासन के तरफ से किसी तरह का कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली है. प्रशासन ऐसे किसी भी मामले में इस नतीजे पर नहीं पहुंची है कि आखिर में ऐसी ओछी हरकत कौन कर रहा है. 


बहरहाल जेएनयू कैंपस और यहां का कल्चर बाकी यूनिवर्सिटी से बेहद अलग है. फ्रीडम ऑफ स्पीच को यहां हमेशा से प्रमुखता दी गई है, लेकिन इसका मतलब नहीं हुआ कि कैंपस में राष्ट्र विरोधी बातें कहीं जाए. जेएनयू के एबीवीपी के छात्र संघ ने इस पूरे प्रकरण के खिलाफ प्रशासन से सख्त-सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं दिल्ली पुलिस के तरफ से बयान आया है कि अभी तक जेएनयू प्रशासन के तरफ से इस बाबत कोई शिकायत नहीं दी गई है. वहीं दीवार को प्रशासन के तरफ से साफ कर दिया गया है.


Input: Mukesh Singh