नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने इस बार 78800 रुपये का बजट पेश किया. दिल्ली सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य है और इस क्षेत्र में भी दिल्ली सरकार ने विशेष ध्यान दिया है. यही वजह है कि शिक्षा के क्षेत्र में 9000 करोड़ से ज्यादा का बजट निर्धारित किया गया है. वहीं मोहल्ला क्लीनिक के जरिये गरीब और मजदूरों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले.इसे भी बजट में तरजीह दी गई है.


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वित्त मंत्री ने दिल्ली को सेहतमंद बनाने के लिए 9742 करोड़ का बजट पेश किया. सदन में उन्होंने कहा कि दिल्ली में अब 450 टेस्ट फ्री किए जाएंगे, जिनकी संख्या पहले 250 थी. मोहल्ला क्लिनिक, पॉली क्लिनिक और अस्पतालों में भी ये टेस्ट होंगे.


अस्पतालों में बढ़ेंगे 16 हजार बेड


इसके अलावा 9 नए सरकारी अस्पतालों का तेजी से निर्माण हो रहा है. इनमें से चार की शुरुआत इस वित्त वर्ष में हो जाएगी. इनके बाद अस्पतालों में बेड्स की संख्या 14000 से बढ़कर 30000 हो जाएगी. कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली में अब हेल्थ कार्ड इश्यू किया जा रहा है, जिनके जरिये किसी भी अस्पताल में इलाज कराया जा सकेगा.



सरकारी अस्पताल में वेटिंग होने पर दिल्ली वाले प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज करा सकते हैं. 5 लाख लोगों ने पिछले साल इसका लाभ लिया है. उन्होंने बताया कि आज मोहल्ला क्लिनिक दिल्ली में प्राइमरी हेल्थ सिस्टम की रीढ़ हैं. मोहल्ला क्लिनिक में सालाना ढाई करोड़ लोग इलाज के लिए आते हैं.


मेट्रो स्टेशनों पर भी मोहल्ला क्लिनिक की योजना बनाई गई है. दिल्ली में चार महिला मोहल्ला क्लिनिक की स्थापना की गई है. पिछले बजट में इसकी घोषणा की गई थी. देश में पहली बार महिला मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत हुई है. यहां सर्वाइकल कैंसर की भी जांच होती है. अगले वित्त वर्ष में 100 महिला मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत कि जाएगी. दिल्ली सरकार का दावा है कि यह बजट दिल्ली की जनता को पसंद आएगा क्योंकि हमने सभी वर्गों का विशेष ख्याल रखा है.