Delhi Kalkaji Temple: बिहार में हुई जातिगत जनगणना (Bihar Caste Census) के बाद देश कि सियासत गर्म है. विपक्षी दलों के नेता इसके समर्थन में दिख रहे हैं और पूरे देश में जातीय जनगणना करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं इसका विरोध भी हो रहा है. इसी कड़ी में कालकाजी मंदिर परिसर में साधु संतों की एक मीटिंग की गई, जिसमें जातिगत जनगणना पर रोष प्रकट करते हुए हिंदू एकता पर जोर दिया गया. 


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वहीं इस कार्यक्रम में विश्व हिंदू महासंघ (Vishwa Hindu Mahasangh) की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अस्मिता भंडारी मौजूद रहीं. इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल के हिंदुओं की स्थिति पर चर्चा की गई. वहीं इस कार्यक्रम में कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आज हमारे देश के नेता हिंदुओं को जातिगत बांटने का प्रयास कर रहे हैं. इससे लोगों के मन में जातिगत द्वेष की भावना उत्पन्न होगी. जो हमारे भगवान श्रीराम ने अपने समय में हरिजन, गिरिजन जैसे जातियों को भी गले लगाकर उन्हें अपनाया था, आज उस एकता को खत्म किया जा रहा है.


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वहीं आगे विश्वहिंदू महासंघ की अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अस्मिता भंडारी ने कहा कि आज हमारे देश में हिंदुओं की क्या स्थिति है यह तो जग जाहिर है. भारत और नेपाल में एक जैसी स्थिति हिंदुओं की है भारत में भी हिंदू जाति में विभक्त है और ऊच-नीच का भेदभाव देखा जाता है. ठीक ऐसा ही हमारे नेपाल में भी लोग जातियों में बंटे पड़े हैं और ऊच-नीच देखी जाती है. भारत और नेपाल के पहले अच्छे संबंध थे, लेकिन आज कुछ लोगों के द्वारा भारत और नेपाल के बीच द्वंद्व पैदा करने की कोशिश की जा रही है. जब नेपाल हिंदू राष्ट्र था, तब भारत का संबंध नेपाल से बहुत अच्छा था. अगर जब से नेपाल को धर्मनिरपेक्ष बनाया गया है तभी से हिंदुओं का लगातार नेपाल में धर्मांतरण हो रहा है. इसलिए हम लोग आज इस मीटिंग के माध्यम से हिंदुओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कि हिंदू जातियों में विभक्त होकर खुद को अलग और असाहय ना बनाएं. 


INPUT: HARI KISHOR SAH