नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एचआईवी/ एड्स (HIV AIDS) से पीड़ित लोगों और संक्रमित बच्चों/ अनाथ/ निराश्रित बच्चों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने संबंधी अधिसूचना जारी की गई है. इस विषय में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 


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एचआईवी/ एड्स के पीड़ितों को इस प्रस्ताव को डीबीटी के माध्यम से सहायता को मंजूरी मिलने के बाद अब लक्षित डिलीवरी के तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता सीधे उनके खाते में पहुंचा दी जाएगी. यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना (डीबीटी) के माध्यम से उन्हें वित्तीय सहायता उनके खाते में सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी.  इसके साथ ही जो लाभार्थी एंटी-रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (Anti Retroviral Treatment- ART) ले रहे हैं. उन्हें एआरटी केंद्रों तक पहुंचने के लिए आने जाने में होने वाले खर्च और पोषक आहार आदि की राशि भी अब सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी.


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इस कारण इस योजना में पारदर्शिता आएगी और उपचार के दौरान रोगियों की प्रभावी निगरानी भी सुनिश्चित हो पाएगी. लाभार्थियों तक प्रभावकारी वितरण सुनिश्चित करने के लिए आधार के वैरीफिकेशन से कौशल प्रशिक्षण और रोजगार जैसे कई अन्य कार्यक्रमों में सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी. 


यह नोटिफिकेशन केंद्र सरकार की 2019 में आई एक अधिसूचना के तहत जारी दिशा-निर्देश के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि सरकार की समेकित निधि से लाभार्थियों को जारी फंड के लिए आधार अधिनियम, 2016 की धारा 7 के तहत राज्य सरकार आधार प्रमाणीकरण के उपयोग को अनिवार्य कर सकती है.  हालांकि, ऐसा करने के लिए, राज्य सरकार को आधार अधिनियम 2016 की धारा 7 के तहत विशिष्ट योजनाओं के संबंध में उसी प्रकार अधिसूचना जारी करने की आश्यकता होगी. जिस प्रकार केंद्र सरकार के मंत्रालयों/ विभागों द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन प्रकाशित किया जाता है.