तरुण कुमार/नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने सुबह दिल्ली सरकार को 97 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया है. इसको लेकर भाजपा ने उपराज्यपाल के फैसले का स्वागत किया है. भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भ्रष्ट सरकार का ये ताजा उदाहरण है. ये अमानत में खयानत है. दिल्ली का पैसा विकास पर लगना था, लेकिन पैसे का दुरुपयोग किया गया. सरकारी पैसे का दुरुपयोग करना इनकी फितरत है. इसको लेकर रामवीर सिंह बिधूड़ी और मनोज तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.


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वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा था कि ये सब सुनकर हम हैरान हैं. कई बार शब्द नहीं मिलते की बेईमानी के कितने सोपान हो सकते हैं. दिल्ली सरकार के खजाने से अरविंद केजरीवाल अपना चेहरा चमका रहे हैं. SC में निर्देश के बावजूद पैसा वापस नहीं किया. वहीं लोग टूटी सड़कों से और अलग अलग समस्याओं से परेशान हैं. ऐसे कैसे कोई सरकारी पैसे का इस्तेमाल कर सकता है.


मनोज तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमिटी ने आम आदमी पार्टी को 97 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा कराने के लिए कहा है. वहीं उन्होंने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि मीठी-मीठी बाते गंभीर मुद्दों को डाइवर्ट करने वालों की मूल नियत लूट का नया रिकॉर्ड बनानां है. दुख हो रहा है कि डायरेक्टरेट विजिलेंस ने बताया है कि आम आदमी पार्टी राजनीतिक दल हैं. उसका खर्च अलग है. करप्शन के आरोप अलग हैं. सीधे सीधे 97 करोड़ रुपये निकाले लिए. पैसा जमा करना तो दूर 2017 के बाद से ये कितना खर्च कर चुके हैं. इसकी डिटेल आना अभी बाकी है. पार्टी और अपना चेहरा चकमाने के लिए पैसे इस्तेमाल हुए. 97 करोड़ की दो किश्त 30 दिन के अंदर देनी थी. तब से आम आदमी पार्टी कुंडली मारकर बैठी है.


मनोज तिवारी ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि 30 दिनों के अंदर पैसे जमा कराए नही तो एक्शन लिया जाएगा. 30 मार्च 2017 के दिन 30 दिन के अंदर पैसे जमा कराने के आदेश थे, लेकिन 2022 तक की भी बहुत सारी अनियमितता का भी मामला है. हम दिल्ली को लेकर सजग हैं. दिल्ली को लूटने वालो पर नजर रखे हुए हैं. केजरीवाल इस पैसे को जमा कराए. देरी का इंटरेस्ट दें. अरविंद केजरीवाल को सवैधानिक सजा भी होनी चाहिए.


इस दौरान रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि हम एलजी के फैसले का हम स्वागत करते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि 12 सितंबर 2022 के दिन मैं एलजी से मिला था. मैंने लिखित में शिकायत की थी. यह मामला 2015 में SC के संज्ञान में आया था कि केजरीवाल सरकार बाहर के राज्यों में सैंकड़ों करोड़ खर्च कर रही है. अपना चेहरा चमकाया जा रहा है. एक कमिटी गठित हुई. इसके बाद सरकार हाईकोर्ट स्टे के लिए गई फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्टे देने से मना किया. 11 करोड़ 18 लाख रुपये 2012-13 में सरकार कखर्च करती थी. 675 करोड़ फिर बजट किया. दिल्ली का 2 हजार करोड़ रुपये पैसा प्रचार में लुटाया है.