Delhi MCD Election 2022: चुनावी वादों की जमीनी हकीकत की पड़ताल, देखिए पिछले 5 साल में दिल्ली में हुआ कितना विकास कार्य
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Delhi MCD Election 2022: चुनावी वादों की जमीनी हकीकत की पड़ताल, देखिए पिछले 5 साल में दिल्ली में हुआ कितना विकास कार्य

Delhi MCD Election 2022: राजधानी दिल्ली में चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में जुट गई हैं, लेकिन इन सबके बीच में असली चुनावी मुद्दे कहीं खो गए हैं. दिल्ली की बदहाल सड़कें, कचरे का ढेर इसकी हकीकत बयां करता है. 

Delhi MCD Election 2022: चुनावी वादों की जमीनी हकीकत की पड़ताल, देखिए पिछले 5 साल में दिल्ली में हुआ कितना विकास कार्य

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में MCD चुनाव का बिगुल बज चुका है, आगामी 4 दिसंबर को नगर निगम चुनाव होंगे और 7 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. चुनाव के पहले BJP, AAP और कांग्रेस जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. BJP ने चुनाव से पहले अपना वचन पत्र जारी करते हुए बड़े-बड़े वादे किए हैं, तो वहीं AAP ने 10 गारंटी का ऐलान किया है. 

राजनीतिक पार्टियों के वादों के बीच एक सवाल ये भी है कि इनकी जमीनी हकीकत क्या है, 15 सालों से MCD में काबिज BJP और दिल्ली की AAP सरकार ने कितने विकास किए हैं. 7 साल पहले इन पार्टियों द्वारा जारी किए गए वादों के पिटारे पर कितना काम हुआ या फिर वो महज वादे ही बन कर रह गए, जो कभी पूरे न हो सके. 

सबसे पहले बात करते हैं 15 सालों से MCD संभाल रही BJP की, 2017 के MCD चुनाव के समय भाजपा ने वादा किया था, कि दिल्ली के सभी वार्ड कूड़े से मुक्त होंगे, ड्रेनेज सिस्टम को विश्व स्तरीय किया जाएगा, आवारा पशुओं से मुक्ति मिलेगी और भी बहुत कुछ. लेकिन इन वादों की हकीकत वार्डों से सामने आ रही तस्वीरें बयां करती हैं. 

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चुनाव से पहले AAP की तरफ से भी वादों की एक लंबी लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें हर घर पानी,अच्छी सड़कें और भी बहुत कुछ शामिल है. दिल्ली के अशोक नगर की ये तस्वीर सभी वादों की हकीकत को बयां करती है, जिसमें बदहाल  सड़कें, पानी की किल्लत और कूड़े का ढेर साफ नजर आ रहा है.

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आज दिल्ली में रहने वाला हर एक शख्स ये जानना चाहता है कि पार्टियों द्वारा किए गए वादों की हकीकत क्या है. सड़कों की खराब हालात, कूड़े का ढेर, आवारा पशु, गंदा पानी और गंदगी की वजह से फैलती बीमारी. क्या चुनाव के बाद उनकी इन सभी परेशानियों से निजात मिलेगा या फिर एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में विकास कार्य फिर से गुम हो जाएंगे.

पार्टियों के घोषणापत्र में लिखे वादों को और अधिक जानने के लिए हम आपको 'प्रजा फाउंडेशन' की एक रिपोर्ट बताते हैं, जिसके अनुसार घोषणापत्र में मौजूद वादों में शामिल कूड़े के निस्तारण के लिए 5 साल में 1 लाख से ज्यादा शिकायतें की गईं.आवारा पशुओं से संबंधित 70 हजार से ज्यादा शिकायतें और नाली से पानी सड़क पर आने की 33 हजार से ज्यादा शिकायते की गईं. अब नये वादे करके वोट मांगने वाली पार्टियों को एक बार अपने पुराने वादों का रिपोर्ट कार्ड भी जरूर पेश करना चाहिए. 

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