नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नगर निगम के एकीकरण के बाद वार्डों के परिसीमन और आरक्षण की प्रकिया पूरी हो चुकी है. इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही  MCD चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. लेकिन अब एक बार फिर MCD चुनाव पर तलवार लटकती नजर आ रही है. दरअसल हाई कोर्ट ने MCD के नए परिसीमन के खिलाफ दिल्ली कांग्रेस की जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है. 


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MCD की ड्राफ्ट परिसीमन रिपोर्ट पर AAP को आपत्ति, BJP से आजादी चाहती है जनता


क्या है मामला
राजधानी दिल्ली में तीन नगर निगम को एकीकृत करके नए सिरे से वार्डों का परिसीमन किया गया है. परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी गई है. नगर निगम की परिसीमन कमिटी ने परिसीमन ड्राफ्ट को सार्वजनिक करके उस पर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे. 3 अक्टूबर तक आए सुझावों और आपत्तियों की जांच की प्रकिया पूरी कर ली गई, परिसीमन पर लगातार AAP और कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जा रहे थे, जिसके बाद कांग्रेस ने परिसीमन के खिलाफ हाइकोर्ट नें याचिका दायर की थी. 


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MCD वार्ड के परिसीमन के खिलाफ दिल्ली HC में कांग्रेस नेता अनिल कुमार ने याचिका दायर की थी, जिसपर दिल्ली HC ने केन्द्र को नोटिस जारी किया है. अनिल कुमार की ओर से वकील सलमान खुर्शीद ने दलील दी कि परिसीमन प्रक्रिया में वैधानिक नियमों का उल्लंघन हुआ है. अगर चुनाव की तारीख का ऐलान हो जाता है, तो फिर याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं रह जायेगा. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 14 दिसंबर तय की है, लेकिन इस बीच MCD चुनाव पर रोक नहीं रहेगी. 


इस बारे में कांग्रेस नेता अनिल कुमार ने बताया कि 'दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने दोषपूर्ण निगम परिसीमन के खिलाफ याचिका दायर कर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी. हमारी जनहित याचिका को स्वीकार कर उच्च न्यायालय ने भारत सरकार, परिसीमन समिति दिल्ली राज्य चुनाव आयोग तथा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है'.