MCD Election : 14 नवंबर को दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव होने जा रहा है. AAP ने देव नगर के वार्ड 84 से पार्षद महेश खीची, जबकि BJP ने शकरपुर से किशन लाल को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है.
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MCD Mayor Election 2024: आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सात महीने तक चली खींचतान के बाद 14 नवंबर को दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव होने जा रहा है. इसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. AAP ने देव नगर के वार्ड 84 से पार्षद महेश खीची, जबकि BJP ने शकरपुर से किशन लाल को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है. वहीं आप ने डिप्टी मेयर के लिए अमन विहार के काउंसलर रविंदर भारद्वाज को नामित किया है. इसी पद के लिए बीजेपी ने सदातपुर से नीत बिष्ट को चुनाव मैदान में उतारा है. इस बार चुनाव में एक दलित उम्मीदवार को मेयर के पद पर चुने जाने की संभावना है, लेकिन दोनों दलों के बीच खींचतान के चलते नए मेयर का कार्यकाल केवल पांच महीने का होगा. AAP और BJP के बीच सात महीने तक चली खींचतान के कारण एमसीडी हाउस में बार-बार रुकावटें आईं और अप्रैल में होने वाले चुनावों को देर से आयोजित किया गया. अब मेयर चुनाव में कड़ी प्रतिस्पर्धा की संभावना जताई जा रही है.
क्या कहते हैं MCD के नियम
एमसीडी के नियमों के अनुसार मेयर के चुनाव हर साल अप्रैल में होते हैं. इनका कार्यकाल पांच साल का होता है, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के तहत अलग-अलग पांच लोगों को एक-एक साल प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया जाता है. पहला साल महिलाओं के लिए, दूसरा ओपन श्रेणी के लिए, तीसरा आरक्षित श्रेणी के लिए और अंतिम दो साल फिर से ओपन श्रेणी के होते हैं. AAP के सत्ता में आने के बाद एमसीडी में तीसरा मेयर चुनाव होने जा रहा है.
शैली ओबेरॉय ने चुनाव से पहले दिल्ली के 12 जोनों के अधिकारियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं, ताकि लंबित परियोजनाओं और कार्यों की समीक्षा की जा सके और चुनाव से पहले उन्हें पूरा कराया जा सके. पार्कों की बाड़बंदी, सौंदर्यीकरण, गेट लगवाने, सड़कों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइटिंग, बिजली आपूर्ति, और खुले नालों को ढकने जैसी परियोजनाओं को मंजूरी के लिए रखा गया है. सोमवार को इस बाबत शैली ओबेरॉय ने इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी. AAP सूत्रों के मुताबिक पार्टी अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है.
नाराज AAP ने कर दिया था चुनाव का बहिष्कार
BJP पहले ही एमसीडी की स्थायी समिति में अपनी पकड़ बना चुकी है, जो सबसे उच्चतम निर्णय लेने वाली संस्था है. स्थाई समिति की 18 में से 10 सीटें बीजेपी ने जीती हैं. चुनाव परिणाम अभी कोर्ट समक्ष लंबित हैं, क्योंकि AAP ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. दरअसल AAP ने सितंबर में हुए चुनावों का बहिष्कार किया था, क्योंकि काउंसलरों की "फ्रिस्किंग" (टटोलकर कपड़ों की तलाशी लेना) की गई थी, जबकि कांग्रेस ने मतदान से परहेज किया था.
इन सब का असर मेयर चुनाव पर भी पड़ा, जो आरक्षित श्रेणी के लिए निर्धारित है. इसके बाद पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति भी एक प्रमुख मुद्दा था, जिसकी वजह से एलजी और आप में ठनी रही. चुनाव में और भी अड़चनें आईं, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. इसकी वजह से आवश्यक अनुमोदन में देरी हुई. ऐसे में अगर अब मेयर चुनाव हो जाते हैं तो वह 5 महीने के लिए ही इस पद पर रह पाएगा
अंतरात्मा की आवाज सुनें पार्षद
बीजेपी के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने मेयर चुनाव टलने की आशंका जताई है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के पार्षदों से अपील की है कि वे वोट देने से पहले अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें. कपूर ने कहा कि जिस तरह से दलित मेयर चुनाव टाला गया, उससे AAP पार्षद बहुत परेशान हैं. हमारे पार्षद विकास के लिए वोट देंगे और उम्मीद है कि आम आदमी पार्टी के पार्षद भी विकास के लिए ही वोट देंगे.
इनपुट: पीटीआई