Train Accident: देश में ट्रेन से उतरने-चढ़ने के दौरान होने वाले हादसों और सुसाइड जैसी घटनाएं रोकने के लिए रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) लगाने जा रहा है. यह दिल्ली से मेरठ के बीच चलने वाली रेपिड रेल के सभी स्टेशनों पर होगा. यह ठीक मेट्रो की तरह काम करेगा, जैसे दरवाजा बंद होने पर ही मेट्रो चलती है, उसी तरह PSD के दो लेयर होंगे. इक लेयर से रैपिड रेल का गेट बंद होगा और दूसरी लेयर से ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच वाला फासला बंद होगा.


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PSD ट्रैक के बीच में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ढाल के रूप में काम करेगी. इससे ट्रेन से चढ़ने-उतरने के दौरान होने वाले हादसे, खुदकुशी, यात्रियों के पटरियों पर गिरने जैसी घटनाओं से बचा जा सकेगा. रीजनल रैपिड रेल संचालन के लिए NCRTC यूरोपियन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) की हाइब्रिड लेवल-3 तकनीक को लागू करने जा रहा है जो कि दुनिया के सबसे उन्नत सिग्नल एवं ट्रेन कंट्रोल सिस्टम में से एक है. दुनिया में ऐसा पहली बार होगा कि लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (LTE) रेडियो पर आधारित सिग्नलिंगग सिस्टम में नवीनतम डिजिटल इंटर लॉकिंग और स्वचालित ट्रेन ऑपरेशन (ATO) होगा. इससे ट्रेन सेवा की हाईफ्रीक्वेंसी, बेहतर हेडवे और अधिक क्षमता संभव हो सकेगी.


बता दें कि रीजनल रैपिड रेल 6 कोच की होगी. इसमें कुल 17 दरवाजे होंगे. इसके ही आधार पर हर प्लेटफॉर्म पर फिलहाल 17 प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) लगाने का प्लान है. रेपिड रेल में 5 स्टैंडर्ड और एक प्रीमियम क्लास कोच होगा. हर स्टैंडर्ड कोच में एक तरफ 3 और प्रीमियम क्लास कोच में 2 दरवाजे होंगे. 


NCRTC के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि प्रायोरिटी सेक्शन (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) के बाकी स्टेशनों के लिए भी प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जैसे-जैसे इन स्टेशनों में रूफ शेड लगाने का कार्य पूरा होता जाएगा, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का कार्य भी रफ्तार पकड़ लेगा. RRTS कॉरिडोर पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का कार्य मेसर्स एलस्टॉम द्वारा किया जा रहा है.


गुधलर रैपिड रेल स्टेशन पर PSD का काम शुरू
बता दें कि गाजियाबाद जिले के गुधलर रैपिड रेल स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स लगाने का काम शुरू हो गया है. स्क्रीन डोर्स के पार्ट्स ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर, फिक्स्ड डोर पैनल, प्लेटफॉर्म इंड गेट, आपातकालीन इस्केप डोर, और फिक्सड स्क्रीन को लगाया जा रहा है. इस पूरे सिस्टम को रीजनल रैपिड रेल के दरवाजों और उसके सिग्नल सिस्टम से कनेक्ट किया जाएगा. इसके बाद रैपिड रेल के दरवाजे और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के दरवाजे एकसाथ खुलेंगे और एक साथ ही बंद होंगे. जब तक दोनों दरवाजे बंद नहीं होंगे, तब तक ट्रेन नहीं चलेगी.