Delhi Metro: दिल्ली के लोगों को CM केजरीवाल ने दिवाली के पहले बड़ा तोहफा दिया है, CM ने जनकपुरी से आरके आश्रम के बीच मेट्रो संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. दरअसल डेरावल नगर के 316 पेड़ों के रास्ते में आने की वजह से लंबे समय से ये काम प्रभावित हो रहा था, जिसके बाद अब पेड़ों काटने की मंजूरी दी गई है. इन पेड़ों की जगह 10 गुना ज्यादा पेड़ लगाए जाएंगे. 


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यहां रहने वाले लोगों को होगा फायदा
जनकपुरी से आरके आश्रम के बीच मेट्रो संचालन शुरू होने के बाद सदर बाजार, पुलबंगश, घंटा घर, डेरावल नगर, अशोक विहार, आजादपुर, पीतमपुरा, मंगोलपुरी, पीरागढ़ी, पश्चिम विहार, केशोपुर सहित कई घनी आबादी वाले इलाकों के लोगों को इससे फायदा होगा. 


फेस-4 के तहत बनेगा 29.5 किलोमीटर कॉरिडोर
दिल्ली मेट्रो के फेस-4 के तहत बनने वाला ये कॉरिडोर 29.5 किलोमीटर लंबा होगा और मजेंटा लाइन के जनकपुरी वेस्ट स्टेशन को ब्लू लाइन के आरके आश्रम स्टेशन से जोड़ेगा. इस कॉरिडोर में आरके आश्रम, नबी करीम, सदर बाजार, पुलबंगश, घंटा घर, डेरावल नगर, अशोक विहार, आजादपुर, मजलिस पार्क, भलस्वा, हैदरपुर बादली मोड़, उत्तरी पीतमपुरा, प्रशांत विहार, मधुबन चौक, दीपाली चौक, पुष्पांजलि एन्क्लेव, वेस्ट एन्क्लेव, मंगोलपुरी, पीरागढ़ी, पश्चिम विहार, केशोपुर, कृष्णा पार्क एक्सटेंशन और जनकपुरी पश्चिम समेत 22 स्टेशन बनेंगे. 


3 हिस्सों में तैयार होगा प्रोजेक्ट
मेट्रो के फेस-4 के तहत बनने वाला ये कॉरिडोर 3 हिस्सों में बनके तैयार होगा. पहले हिस्से में जनकपुरी से कृष्णा पार्क तक अंडरग्रांड कॉरिडोर, दूसरे में कृष्णा पार्क से अशोक विहार तक एलिवेटेड कॉरिडोर और तीसरे हिस्से में अशोक विहार से डेरावल नगर और आश्रम तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाया जाएगा. 


दरअसल डेरावल नगर के स्माइल खां पार्क के 316 पेड़ों की वजह से कॉरिडोर के निर्माण काम रूका हुआ था. DMRC ने इन पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपित करने की अनुमति मांगी थी. अब CM केजरीवाल ने इन पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपित करने की अनुमति दे दी है. अनुमति मिलने के बाद अब DMRC द्वारा 316 पेड़ों में देशी प्रजाति  के 185 पेड़ों को प्रत्यारोपित किया जाएगा और 131 पेड़ों की कटाई होगी. स्वीकृत किए गए पेड़ों के अलावा किसी भी अन्य पेड़ को नुकसान पुहुंचाना दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा. 


3160 नये पेड़ लगाये जाएंगे
पेड़ों की कटाई के बाद 3160 नये पेड़ लगाये जाएंगे, जिसमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखान, गुलर, बड़गद, देसी कीकर सहित कई स्वदेशी प्रजाति के पेड़ शामिल हैं.