Delhi News: `हम होंगे कामयाब`; टेढ़ी रीढ़ की हड्डी और दायां पैर छोटा फिर भी नहीं मानी हार, रूस में जीते Bronze मेडल
Delhi News: कृष्णा कुमार की रीढ़ की हड्डी टेढ़ी है और उनका दायां पैर छोटा है, जिससे वो अधिक झुक नहीं पाते. लेकिन बोट में कुछ बदलाव करके उनके अनुसार बनाया गया, जिससे उन्होंने शानदार रेस लड़ी और पदक जीतकर आए. उनके कोच ने कहा कि अगर पैडल मिस नहीं हुआ होता तो वो सिलवर भी जीत सकते थे.
Delhi Krishna Kumar: रूस के मास्को में आयोजित गुडविल कैनोइंग विश्व चैंपियनशिप में Para Kayaking KL-2 वर्ग की 200 मीटर प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर कृष्णा कुमार सामानिया ने दिल्ली का नाम रोशन किया है. उन्होंने शुक्रवार को 200 मीटर प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया. यह प्रतियोगिता रूस के मास्को में आयोजित हो रही है, जिसका आयोजन मास्को के डिपार्टमेंट ऑफ स्पोर्ट्स ने ऑल-रूसी फेडरेशन ऑफ क्याकिंग और कैनोइंग के साथ मिलकर किया है. यह गुडविल कप 14 अगस्त से शुरू हुआ था और इसका समापन 18 अगस्त को हो गया.
दिल्ली सरकार से की मांग
कृष्णा ‘दिल्ली के सोनिया विहार वाटर स्पोर्ट्स क्लब’ में सीनियर कोच मंजित शेखावत के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. उनकी इस जीत पर कोच मंजित शेखावत ने कहा कि कृष्णा बेहद मेहनती खिलाड़ी हैं और उनमें बाकी खिलाड़ियों से अधिक समर्पण है. उनकी रीढ़ की हड्डी टेढ़ी है और उनका दायां पैर छोटा है, जिससे वे अधिक झुक नहीं पाते. लेकिन बोट में कुछ बदलाव कर उनके शरीर के अनुसार सेट किया गया, जिससे उन्होंने शानदार रेस लड़ी. अगर एक पैडल मिस नहीं होता, तो वे सिल्वर मेडल जीत सकते थे. यह तो बस शुरुआत है, अगर कृष्णा ऐसे ही मेहनत करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब वे भारत को ओलंपिक में भी पदक दिलाएंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से हमारी एक छोटी सी मांग है कि खिलाड़ियों के लिए कुछ विदेशी बोट्स और चप्पू उपलब्ध कराएं ताकि हम और बेहतर प्रदर्शन कर सकें
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जीत लाए कांस्य पदक
‘सोनिया विहार वाटर स्पोर्ट्स क्लब’ के अध्यक्ष कुंवर पाल सिंह कृष्णा की जीत से बेहद खुश हैं. उन्होंने कहा कि कृष्णा ने इस पदक को जीतकर अपने इलाके, दिल्ली और भारत का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है. क्लब के सचिव कौशल कुमार ने कृष्णा को जीत की बधाई देते हुए कहा कि उनका अपने खेल के प्रति जोश और जुनून काबिल-ए-तारीफ है. पिछले विश्व चैंपियनशिप में भी उन्होंने पदक हासिल किया था. बेहद सीमित संसाधनों के बावजूद, कोच के प्रशिक्षण में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते हुए मास्को में वीएल-1200 मीटर प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता.