Delhi-NCR Pollution: Delhi-NCR में आकड़ों के अनुसार दिवाली के अगले दिन पिछले 5 साल में सबसे कम प्रदूषण दर्ज किया गया था, लेकिन दिवाली के बाद से प्रदूषण काफी तेजी से बढ़ रहा है. शनिवार को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 390 दर्ज किया गया, जो शुक्रवार को 345 था. इसके साथ ही आनंद विहार सहित कई जगहों पर AQI 400 के पार पहुंच गया. 


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एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI)
एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) हवा की गुणवत्ता को बताता है. ये बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है. हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 केटेगरी बनायीं गई हैं. जैसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर. जैसे जैसे हवा की गुणवत्ता खराब होती जाती है वैसे ही रैंकिंग अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती-जाती है. 


0-50 के बीच AQI 'अच्छा', 51-100 के बीच AQI 'संतोषजनक', 101-200 के बीच AQI 'मध्यम', 201-300 के बीच AQI 'खराब', 301-400 के बीच AQI 'बहुत खराब' और 401-500 के बीच AQI 'गंभीर'  श्रेणी में आता है. 
  
Delhi-NCR में प्रदूषण


आनंद विहार AQI- 457
अशोक विहार AQI- 420
नोएडा AQI- 392
ग्रेटर नोएडा AQI- 403
द्वारका AQI- 428
मुंडका AQI- 412
बवाना AQI- 414
जहांगीरपुरी  AQI- 428
गुरुग्राम AQI- 354


वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉ बी पी त्यागी के अनुसार मौजूदा समय में  Delhi-NCR में वाहन, आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषण और कंस्ट्रक्शन वर्क आदि प्रदूषण के मुख्य कारक है. 


हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के बढ़ने के कारण प्रदूषण बढ़ने लगता है. प्रदूषण के चलते लोगों को Sinusitis और Bronchitis से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने पर अस्थमा का खतरा हो सकता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होने पर लोगों के लिए खतनाक साबित हो सकता है. प्रदूषित हवा में सांस लेना सिगरेट पीने के बराबर है. यदि कोई व्यक्ति दिनभर प्रदूषित हवा में रहता है, तो इसका मतलब है कि उसने 20 सिगरेट जितना धुआं लिया है. 


डॉ त्यागी बताते हैं प्रदूषण के इस दौर में मास्क लगाना काफी कारगर साबित हो सकता है. यदि multi-layer मास्क लगाया जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है. घर के अंदर प्रदूशन मौजूद रहता है. ऐसे में एयर फिल्टर का प्रयोग कर प्रदूषण को कम किया जा सकता है. जो लोग पहले से स्वास्थ संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.


प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त सावधान रहने की जरूरत है. जरूरत होने पर घर से निकले. यदि ज्यादा जरूरी नहीं तो घर पर ही रहे. प्रदूषण के असर को कम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पी सकते हैं. साथ ही पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि डालकर पी सकते हैं. कीवी, अनार का सेवन भी फायदेमंद है.