Air Pollution: Delhi NCR समेत सोनीपत की हवा खराब, औद्योगिक कूड़े को जलाने पर नहीं लग रही रोक
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1967168

Air Pollution: Delhi NCR समेत सोनीपत की हवा खराब, औद्योगिक कूड़े को जलाने पर नहीं लग रही रोक

Sonipat AQI Today: दिल्ली एनसीआर से सटा हुआ कुंडली, राई, नाथूपुर एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र से निकला हुआ अपशिष्ट पदार्थ का कोई प्रबंध न होकर उसमें आग लगा दी जाती है. जिस पर कोई भी कार्रवाई या नियंत्रण जिला प्रशासन का नहीं है. 

Air Pollution: Delhi NCR समेत सोनीपत की हवा खराब, औद्योगिक कूड़े को जलाने पर नहीं लग रही रोक

Sonipat Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी से सटे हुए और दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में शामिल सोनीपत में वायु की गुणवत्ता का स्तर लगातार बिगड़ रही है. हवा बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है. ग्रैप के चौथे चरण की पाबंदी लागू होने के बाद भी लगातार कूड़ा जल रहा है. सोनीपत में सुबह-शाम स्मॉग ही नजर आता है जहां एक्यूआई 368 दर्ज किया गया. इसके साथ ही पीएम-10 व पीएम 2.5 का स्तर 500 तक पहुंच गया है. इतना ही नहीं कार्बन ऑक्साइड के 101 तक पहुंचने से सांस के मरीजों की समस्या बढ़ गई है.

दिल्ली एनसीआर से सटा हुआ कुंडली, राई, नाथूपुर एक बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र से निकला हुआ अपशिष्ट पदार्थ का कोई प्रबंध न होकर उसमें आग लगा दी जाती है. जिस पर कोई भी कार्रवाई या नियंत्रण जिला प्रशासन का नहीं है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सोनीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ज्यादा होने के चलते ग्रैप-4 लागू कर रखा है. 

दिवाली से पहले प्रदूषण का स्तर कम होने पर भी इसे नहीं हटाया गया. अब फिर से एक्यूआई तेजी से बढ़ रहा है. एक्यूआई औसतन 368 दर्ज किया गया, लेकिन रात नौ बजे यह 405 पर गंभीर स्थिति में पहुंच गया था. पीएम-10 और पीएम-2.5 की घनी परत छा गई है. पटिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 धूल-मिट्टी-केमिकल्स के छोटे-छोटे कण हैं. यह हवा में हर वक्त मौजूद रहते हैं. यह बारीक कण सांस के जरिये आसानी से हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं. इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती है.

ये भी पढ़ें: Delhi News: राजधानी की 'बहुत खराब' हवा, ओवरऑल AQI 317 हुआ दर्ज

जिला नागरिक अस्पताल में सीओपीडी, सांस व अस्थमा से मरीज अस्पताल में रोजाना इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. अस्पताल के मेडिकल वार्ड में 15 से 20 मरीज भर्ती है. मरीजों को सुबह के समय घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जा रही है. कार्बन ऑक्साइड बढना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. मरीजों को एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना चाहिए. ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए. इस मौसम में मास्क का प्रयोग जरूर करना चाहिए.

कूड़ा जलाने पर रोक नहीं लग पा रही है. बहालगढ़ रोड पर भी रात को कूड़ा जलता दिखाई दिया. वहीं बढ़मलिक गांव के कूड़े में आग लगी थी. कूड़े की आग से वहां पर कई पौधे भी झुलस गए थे. लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. अगर ठोस कार्रवाई हो तो प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है. 

Input: Sunil Kumar

Trending news